प्रतिक्रिया | Sunday, May 04, 2025

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विझिंजम में अंतरराष्ट्रीय डीप-सी बंदरगाह भारत के समुद्री व्यापार को बदलने के लिए तैयार 

विझिंजम में डीप-सी बंदरगाह को स्थापित करने के विचार और प्रयास 1991 से चले आ रहे हैं। पिछले कई वर्षों में इस परियोजना को शुरू करने के लिए बहुत से प्रयास किए गए, लेकिन इसमें सुरक्षा संबंधी चिंताएं, बोली लगाने से संबंधित कानूनी विवाद और निवेशकों की कम रुचि जैसी बाधाएं आती रहीं।केरल सरकार ने एपीएसईजेड के साथ एक समझौते पर किए हस्ताक्षर केरल सरकार ने अगस्त 2015 में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत विझिनजाम इंटरनेशनल डीप-सी पोर्ट को विकसित करने के लिए अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड (एपीएसईजेड) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

वर्ल्ड-क्लास पोर्ट के दीर्घकालिक दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

यह समझौता क्षेत्र में वर्ल्ड-क्लास पोर्ट के दीर्घकालिक दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।1995, 2004, 2008 और 2010 के असफल प्रयासों के बाद, 2014 में राज्य सरकार ने परियोजना की स्वतंत्र वित्तीय व्यवहार्यता को मान्यता देते हुए, केंद्र सरकार से व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वीजीएफ) सहायता और राज्य सरकार से पर्याप्त वित्तीय सहायता के साथ परियोजना की रूपरेखा तैयार की। 

विझिंजम बंदरगाह परियोजना का निष्पादन चुनौतियों से भरा था

अदाणी पोर्ट्स एकमात्र चयनित बोलीदाता के रूप में उभरा और 2015 में अदाणी पोर्ट्स को परियोजना से सम्मानित किया गया। समझौते ने अदाणी को बंदरगाह के निर्माण, संचालन और हस्तांतरण के लिए 40 साल की रियायत दी, जिसमें 20 साल के विस्तार का प्रावधान था। हालांकि, विझिंजम बंदरगाह परियोजना का निष्पादन चुनौतियों से भरा था।

2017 में चक्रवात ‘ओखी’ ने निर्माण को काफी नुकसान पहुंचाया

2017 में चक्रवात ‘ओखी’ ने निर्माण को काफी नुकसान पहुंचाया, खासकर ब्रेकवाटर को, जिससे देरी हुई। आवश्यक निर्माण सामग्री, खासकर चूना पत्थर की कमी ने प्रगति को और बाधित किया। तटीय कटाव और आजीविका के नुकसान से संबंधित आशंकाओं के कारण आंदोलन हुए।इन बाधाओं के बावजूद परियोजना को पूरा करने की दिशा में काम करना रखा जारीइसके अलावा, कोविड-19 महामारी ने आपूर्ति श्रृंखलाओं और श्रम उपलब्धता को बाधित किया, जिससे और देरी हुई।इन बाधाओं के बावजूद, अदाणी समूह ने धैर्य और परिपक्वता के साथ सभी चुनौतियों पर काबू पाया और परियोजना को पूरा करने की दिशा में काम करना जारी रखा।

विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह भारत की समुद्री महत्वाकांक्षाओं का एक प्रमाण

मई 2025 तक, विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह भारत की समुद्री महत्वाकांक्षाओं का एक प्रमाण है। इस बंदरगाह ने अपने पहले मदरशिप सैन फर्नांडो को प्राप्त करते हुए जुलाई 2024 में परीक्षण संचालन शुरू किया। सितंबर 2024 और अप्रैल 2025 में बंदरगाह ने एमएससी क्लॉड गिरार्डे और एमएससी तुर्किये का स्वागत किया, जिन्हें दुनिया के अल्ट्रा लार्ज कंटेनर जहाजों और किसी भारतीय बंदरगाह पर आने वाले अब तक के सबसे बड़े जहाजों में लिस्ट किया गया।

इस बंदरगाह में तट के करीब 18 मीटर का नेचुरल डीप ड्राफ्ट

बंदरगाह ने संचालन शुरू होने के बाद से 280 से अधिक जहाजों और 6 लाख टीईयू (ट्वेंटी-फुट इक्विवेलेंट यूनिट) को संभाला है। इस बंदरगाह में तट के करीब 18 मीटर का नेचुरल डीप ड्राफ्ट है, जिसके लिए किसी कैपिटल ड्रेजिंग की आवश्यकता नहीं है। विझिनजाम अपनी प्राकृतिक गहराई का लाभ उठाकर 20 मीटर से अधिक ड्राफ्ट की आवश्यकता वाले अल्ट्रा-लार्ज नेक्स्ट-जेन कंटेनर जहाजों को भी होस्ट कर सकता है।

इसमें भारत की सबसे ऊंची शिप-टू-शोर क्रेन

इसमें भारत की सबसे ऊंची शिप-टू-शोर क्रेन हैं और यह एआई-पावर्ड वेसल ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से लैस है। इंटरनेशनल ईस्ट-वेस्ट शिपिंग रूट से केवल 10 समुद्री मील की दूरी पर स्थित विझिनजाम एक महत्वपूर्ण ट्रांसशिपमेंट हब बनने के लिए तैयार है, जिससे कोलंबो, सिंगापुर और दुबई जैसे बंदरगाहों पर भारत की निर्भरता कम हो जाएगी।

भारतीय निर्माताओं के लिए लॉजिस्टिक्स लागत में 30-40% की कमी आने की उम्मीद

इस बंदरगाह से भारतीय निर्माताओं के लिए लॉजिस्टिक्स लागत में 30-40 प्रतिशत की कमी आने की उम्मीद है, जिससे देश की निर्यात प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ेगी। लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के साथ 2028 तक क्षमता को 5 मिलियन टीईयू तक बढ़ाने की योजना के साथ, यह बंदरगाह भारत के समुद्री इंफ्रास्ट्रक्चर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

अदाणी समूह ने राज्य और केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करते हुए पहले ही विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह परियोजना में 4,500 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है। भारत के पहले स्वचालित बंदरगाह के रूप में, विझिंजम बंदरगाह प्रबंधन और संचालन में नए मानक स्थापित कर रहा है। अदाणी समूह द्वारा परियोजना के आगामी चरणों में 20,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त निवेश किए जाने की उम्मीद है, जिससे 5,000 से अधिक नौकरियां पैदा होंगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकेगा। (इनपुट-एजेंसी)

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आखरी अपडेट: 4th May 2025