प्रतिक्रिया | Monday, December 23, 2024

  • Twitter
  • Facebook
  • YouTube
  • Instagram

इजराइल से तनाव के बीच ईरान के राष्ट्रपति ने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से की मुलाकात

इजराइल से तनाव के बीच ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने आज (शुक्रवार) को यहां रूस के राष्ट्रपति से मुलाकात की। दोनों राष्ट्राध्यक्ष तुर्कमेनिस्तान में 18वीं सदी के कवि मखतुमघोली फरागी की 300वीं जयंती पर आयोजित समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे हैं।

ईरान की सरकारी संवाद समिति इस्लामिक रिपब्लिक न्यूज एजेंसी के अनुसार राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने इस सांस्कृतिक मंच से कहा कि एकता का आह्वान मुस्लिम समुदाय तक ही सीमित नहीं है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तत्काल एकजुट होना चाहिए, क्योंकि वैश्विक एकपक्षवाद के घटक विश्व समुदाय के बीच सह अस्तित्व के लिए खतरा बने हुए हैं।

उन्होंने ईरान और तुर्कमेनिस्तान के बीच लंबी सीमाओं का जिक्र किया। पेजेशकियन ने दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण और भाईचारे वाले संबंधों की सराहना की। उन्होंने कहा कि ईरानी इतिहास, साहित्य और संस्कृति के महत्वपूर्ण हिस्से मध्य एशियाई सभ्यता से अत्यधिक जुड़े हुए हैं।

ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि ईरान और मध्य एशिया में इस्लाम की उपस्थिति और इस्लामी प्रथाओं के प्रसार के साथ-साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान और मध्य एशिया में ईरानी लोगों और जातीय समूहों के बीच भाषाई समानता ने हमारी साझा सभ्यता को समृद्ध किया है।

रूस की सरकारी समाजार एजेंसी तास ने कहा है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तुर्कमेनिस्तान के चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में फरागी की जयंती पर आयोजित समारोह में हिस्सा लेंगे। वह इस मौके पर “शांति और विकास का आधार” पर व्याख्यान देंगे। पुतिन अपनी ऑरस कार से कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे।

उनकी अगवानी तुर्कमेनिस्तान समकक्ष सर्दार बर्दिमुहामेदोव ने की। पुतिन जयंती समारोह के समापन सत्र को संबोधित करेंगे। समारोह में आर्मेनिया, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, मंगोलिया, पाकिस्तान, रूस, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति और तुर्किये संसद के अध्यक्ष भी संबोधित करेंगे।

उल्लेखनीय है कि इजराइल से टकराव के बाद ईरान के नेताओं की रूसी नेताओं के साथ लगातार बैठकें हो रही हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिर रूस इस समय ईरान की तरफ क्यों झुका है। वह इसलिए कि ईरान और रूस 200 वर्ष से एक-दूसरे के प्रतिस्पर्धी रहे हैं।

ईरान के पूर्व सर्वोच्च नेता रूहोल्लाह खुमैनी सोवियत संघ से भी अमेरिका की तरह ही नफरत करते रहे। दोनों देश अगर करीब आ रहे हैं तो इसकी वजह बदले हुए हालात हैं। दोनों देश इस समय अमेरिका और उसके सहयोगियों से उलझे हुए हैं। ऐसे में पश्चिम के खिलाफ अपने रणनीतिक और भू-राजनीतिक हितों के आधार पर सुविधाजनक साझेदारी की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं।

आगंतुकों: 13467126
आखरी अपडेट: 22nd Dec 2024