भारत ने सोमवार को ईरान के साथ चाबहार बंदरगाह के प्रबंधन के लिए 10 साल के समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह कॉन्ट्रैक्ट इंडिया पोर्ट ग्लोबल लिमिटेड (IPGL) और ईरान के बंदरगाह और समुद्री संगठन (Ports and Maritime Organization) के बीच किया गया है। इस महत्वपूर्ण समझौते के बाद अब ईरान का चाबहार बंदरगाह अगले दस सालों तक भारत का हो गया है। भारत के इस कदम से देश को मध्य एशिया के साथ कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी।
सर्बानंद सोनोवाल ने ईरान का दौरा किया
केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शाहिद बेहिश्ती पोर्ट टर्मिनल, चाबहार के विकास के लिए दीर्घकालिक मुख्य अनुबंध के हस्ताक्षर समारोह का साक्षी बनने के लिए सोमवार (13 मई 2024) को चाबहार, ईरान का दौरा किया। केंद्रीय मंत्री ने अपने समकक्ष ईरान के सड़क और शहरी विकास मंत्री महामहिम मेहरदाद बज्रपाश, के साथ द्विपक्षीय बैठक की। दोनों मंत्रियों ने सम्पर्क (कनेक्टिविटी) पहल में द्विपक्षीय सहयोग को और सुदृढ़ करने एवं चाबहार बंदरगाह को क्षेत्रीय सम्पर्क केंद्र (रीजनल कनेक्टिविटी हब) बनाने के लिए अपने नेताओं की साझा दूर दृष्टि को याद किया।
दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे
उल्लेखनीय है, यह कॉन्ट्रैक्ट इंडिया पोर्ट ग्लोबल लिमिटेड (IPGL) और ईरान के बंदरगाह और समुद्री संगठन (Ports and Maritime Organization) के बीच हस्ताक्षरित किया गया। इस मंत्रिस्तरीय यात्रा और दीर्घकालिक अनुबंध पर हस्ताक्षर से दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे तथा अफगानिस्तान और व्यापक मध्य एशियाई देशों के साथ व्यापार के प्रवेश द्वार के रूप में चाबहार का महत्व भी उजागर होता है।
चाबहार बंदरगाह प्रोजेक्ट, भारत-ईरान की एक प्रमुख परियोजना
चाबहार बंदरगाह परियोजना का विकास भारत-ईरान की एक प्रमुख परियोजना है। ईरान स्थित चाबहार बंदरगाह क्षेत्र और विशेष रूप से मध्य एशिया के लिए वाणिज्यिक पारगमन केन्द्र है। ईरान में चाबहार के जीवंत शाहिद बेहेश्ती बंदरगाह के माध्यम से आईएनएसटीसी एक मल्टी मोडल लॉजिस्टिक कॉरिडोर का उपयोग करके दो बाजारों को जोड़ेगा, जिससे लॉजिस्टिक लागत को युक्तिसंगत होगी, जो दोनों क्षेत्रों के बीच व्यापार की मात्रा में योगदान देगा। दरअसल भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच ट्रांजिट ट्रेड के केंद्र के रूप में स्थित यह बंदरगाह पारंपरिक सिल्क रोड के लिए एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करता है। यह पोर्ट व्यापार और निवेश के अवसरों के रास्ते खोलेगा और इससे भारत की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
लॉजिस्टिक नेटवर्क में होगा सुधार
उल्लेखनीय है, चाबहार बंदरगाह समृद्ध मध्य एशियाई क्षेत्र को दक्षिण एशियाई बाजारों से जोड़ता है। यह व्यापार, आर्थिक सहयोग और दो भौगोलिक क्षेत्रों के बीच लोगों को जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण के रूप में उभरा है। मध्य एशियाई बाजारों की संभावना के कारण, भारत की अगुवाई में आपस में जुड़ने से मध्य एशियाई देशों की हिन्द महासागर क्षेत्र में पहुंच को सुरक्षित और वाणिज्यिक दृष्टि से व्यवहार्य बना दिया है। यह सम्पर्क न केवल आपस में सम्पर्क प्रदान करेगा, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंधों का आगे बढ़ाते हुए निवेश को भी आगे बढ़ाएगा।
यह मध्य एशियाई क्षेत्र की पारगमन और परिवहन संभावना को भी विकसित करेगा और उनके लॉजिस्टिक नेटवर्क में सुधार करेगा। शाहिद बेहेश्ती बंदरगाह की प्रगति व्यापार के तेजी से विकास में सहयोग करेगी और क्षेत्र में जीवन स्तर को बढ़ाएगी। इस बुनियादी ढांचे से क्षेत्र में व्यापार और निवेश की संभावनाओं का विस्तार होगा।