भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने SpaDeX मिशन के दो सैटेलाइट्स को सफलतापूर्वक अलग (अनडाॅक) कर दिया है, भारत के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। इस सफलता से भविष्य के मिशनों जैसे चंद्रयान-4, गगनयान और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) को मदद मिलेगी। SpaDeX (स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट) एक खास मिशन है, जिसमें यह जांचा गया कि दो सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में कैसे जुड़ (dock) सकते हैं और फिर अलग (undock) हो सकते हैं। यह तकनीक भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों जैसे कि अंतरिक्ष स्टेशन बनाना, सैटेलाइट्स की मरम्मत करना और गहरे अंतरिक्ष में मिशन भेजने के लिए बहुत जरूरी है।
गौरतलब है कि ISRO ने SDX-01 (Chaser) और SDX-02 (Target) नाम के दो सैटेलाइट्स को 30 दिसंबर 2024 को PSLV-C60 रॉकेट से श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया था। इसके बाद, 16 जनवरी 2025 को ISRO ने इन दोनों सैटेलाइट्स को सफलतापूर्वक आपस में जोड़ दिया, जिससे भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया का चौथा देश बन गया, जिसने यह तकनीक हासिल की। फिर, 13 मार्च 2025 को ISRO ने इन दोनों सैटेलाइट्स को सफलतापूर्वक अलग कर दिया, जिससे यह साबित हो गया कि भारत जटिल अंतरिक्ष अभियानों को संभाल सकता है।
यह तकनीक भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए बहुत जरूरी है। ISRO की इस सफलता से यह साफ हो गया कि भारत अब बड़े और उन्नत अंतरिक्ष अभियानों के लिए तैयार है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसरो को बधाई देते हुए कहा कि यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत समर्थन को भी भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की इस सफलता के लिए महत्वपूर्ण बताया। UR राव सैटेलाइट सेंटर (URSC) और अन्य ISRO केंद्रों ने मिलकर SpaDeX मिशन को विकसित किया। https://x.com/DrJitendraSingh/status/1900066791424221321