प्रतिक्रिया | Tuesday, December 03, 2024

  • Twitter
  • Facebook
  • YouTube
  • Instagram

रॉकेट के लिए 95 फीसदी कलपुर्जे देश में ही बनाए जाते हैं: डॉ. एस. सोमनाथ

‘मेड इन इंडिया’ मुहिम के तहत भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी तेजी से आत्मनिर्भर बनता जा रहा है। इस समय रॉकेट के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले लगभग 95 फीसदी कलपुर्जे देश में ही बनाए जा रहे हैं। यह जानकारी इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ ने दी है।

‘चाणक्य रक्षा वार्ता’ में इसरो अध्यक्ष ने दी यह जानकारी

इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ भारतीय सेना द्वारा आयोजित ‘चाणक्य रक्षा वार्ता’ के दूसरे संस्करण में शामिल हुए हैं।

इस दौरान उन्होंने बताया कि इस समय रॉकेट के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले लगभग 95 फीसदी कलपुर्जे देश में ही बनाए जा रहे हैं।

अंतरिक्ष यान के लिए भी भारत में ही बनाए जाते हैं 60 फीसदी पार्ट्स

आगे जोड़ते हुए उन्होंने रॉकेट के अलावा अंतरिक्ष यान के लिए भी लगभग 60 फीसदी पार्ट्स भारत में ही बनाए जाते हैं। वहीं 40 फीसदी बाहर से आते हैं। 

कॉपीराइट © 2024 न्यूज़ ऑन एयर। सर्वाधिकार सुरक्षित
आगंतुकों: 12455815
आखरी अपडेट: 3rd Dec 2024