प्रतिक्रिया | Thursday, January 30, 2025

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29/01/25 | 10:53 am

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इसरो के श्री हरिकोटा से 100वां मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च, इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा-अगले पांच वर्षों में 100 मिशन लॉन्च करने का लक्ष्य

इसरो के श्री हरिकोटा से ऐतिहासिक 100वां प्रक्षेपण सफल रहा। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में आज सुबह 6 बजकर 23 मिनट पर एनवीएस-02 को ले जाने वाले GSLV-F15 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। इसरो ने इस कामयाबी को लेकर कहा कि भारत अंतरिक्ष नेविगेशन में नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया।

इसी के साथ भारत ने बुधवार को GSLV रॉकेट के 100वें प्रक्षेपण के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की, वहीं इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी अगले पांच वर्षों में 100 मिशन लॉन्च करने के लिए काम करेगी। इसरो ने बुधवार सुबह श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपना 100वां GSLV रॉकेट सफलतापूर्वक लॉन्च किया।

अगले पांच वर्षों में लक्ष्य 100 मिशन लॉन्च करने का लक्ष्य
श्रीहरिकोटा से GSLV रॉकेट का यह 100वां प्रक्षेपण था। सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SLV) 10 अगस्त, 1979 को श्रीहरिकोटा से लॉन्च होने वाला पहला बड़ा रॉकेट था। लॉन्च के बाद इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा, “आज हमने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।” उन्होंने कहा, “इसरो की टीम की कड़ी मेहनत और टीम वर्क से इसरो का 100वां प्रक्षेपण सफलतापूर्वक पूरा हुआ है।”
हालांकि 100वां प्रक्षेपण 46 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद हुआ है, लेकिन चेयरमैन ने कहा: “अगले पांच वर्षों में इसरो का लक्ष्य 100 मिशन लॉन्च करना होगा”।

भारत का अपना नेविगेशन सिस्टम
बता दें कि GSLV-F15 पेलोड फेयरिंग में 3.4 मीटर व्यास वाला एक धातु संस्करण था और इसने NVS-02 उपग्रह को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में स्थापित किया। NVS-02 नेविगेशन विद इंडियन कांस्टेलेशन (NavIC) सिस्टम के लिए दूसरी पीढ़ी के उपग्रहों का हिस्सा है – भारत का अपना नेविगेशन सिस्टम। यह NVS-02 का 5वां उपग्रह है। वर्तमान में, इनमें से चार उपग्रह चालू हैं।

चंद्रयान 3 और 4 जैसे कई प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी
वहीं इसरो के चेयरमैन ने कहा, “हमें तीन उपग्रहों के लिए अगली मंजूरी भी मिल गई है।” इसके अलावा, इसरो को इस साल लॉन्च के लिए चंद्रयान 3 और 4 जैसे कई प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी मिल गई है।
नारायणन ने कहा कि “इस साल के लिए बहुत सारे मिशन तैयार हैं”।
उन्होंने नए कुलसेकरपट्टिनम लॉन्च पैड का भी उल्लेख किया। तमिलनाडु के तटीय गांव कुलसेकरपट्टिनम में स्थित, इस स्पेसपोर्ट का निर्माण माइक्रोसैटेलाइट और नैनोसैटेलाइट जैसे छोटे उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए किया जा रहा है। नारायणन ने कहा, “दो साल के भीतर कुलसेकरपट्टिनम लॉन्च पैड में सभी सुविधाएँ तैयार हो जाएंगी। उसके बाद हम वहाँ से सभी तरह के मिशन लॉन्च करने की उम्मीद करेंगे।”

100वें लॉन्च के लिए केंद्रीय मंत्री ने दी बधाई
इस बीच, इसरो की ऐतिहासिक उपलब्धि की सराहना करते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष ने “एक बार फिर भारत को गौरवान्वित किया है”। उन्होंने कहा, “श्रीहरिकोटा से 100वें लॉन्च की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने के लिए इसरो को बधाई। इस रिकॉर्ड उपलब्धि के ऐतिहासिक क्षण में अंतरिक्ष विभाग से जुड़ना सौभाग्य की बात है।”

उन्होंने कहा, “विक्रम साराभाई, सतीश धवन और कुछ अन्य लोगों द्वारा की गई शुरुआत से, यह एक अद्भुत यात्रा रही है।” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र को ‘अनलॉक’ करने और ‘आकाश की कोई सीमा नहीं है’ का विश्वास जगाने के बाद देश में अंतरिक्ष उद्योग ने “एक बड़ी छलांग लगाई है।”

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आखरी अपडेट: 30th Jan 2025