भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज बुधवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से अपने नए पीढ़ी के उपग्रह एनवीएस-02 नेविगेशन सैटेलाइट का सफल प्रक्षेपण किया। एनवीएस-02 को ले जाने वाले जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी-एफ15) ने आज सुबह 6:23 बजे उड़ान भरी।
https://x.com/isro/status/1884410373631271020
इसरो के लिए उल्लेखनीय मील का पत्थर
इसी के साथ यह प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 100वें प्रक्षेपण के उपलक्ष्य में इसरो के लिए एक उल्लेखनीय मील का पत्थर है। वहीं बात करें जीएसएलवी-एफ15 की तो यह भारत के जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) की 17वीं उड़ान और स्वदेशी क्रायो स्टेज के साथ 11वीं उड़ान है। यह स्वदेशी क्रायोजेनिक स्टेज के साथ जीएसएलवी की 8वीं ऑपरेशनल उड़ान और भारत के स्पेसपोर्ट श्रीहरिकोटा से 100वां लॉन्च है। जीएसएलवी-एफ15 पेलोड फेयरिंग एक धातु संस्करण है जिसका व्यास 3.4 मीटर है।
इस लॉन्च के साथ 100वें प्रक्षेपण की ऐतिहासिक उपलब्धि की हासिल
इस संबंध में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसरो को बधाई देते हुए अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा, श्रीहरिकोटा से 100वें प्रक्षेपण की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने के लिए इसरो को बधाई। इस रिकॉर्ड उपलब्धि के ऐतिहासिक क्षण में अंतरिक्ष विभाग से जुड़ना सौभाग्य की बात है।
https://x.com/DrJitendraSingh/status/1884409343807730132
आगे जोड़ते हुए उन्होंने लिखा टीम इसरो, आपने GSLV-F15 / NVS-02 मिशन के सफल प्रक्षेपण से एक बार फिर भारत को गौरवान्वित किया है। विक्रम साराभाई, सतीश धवन और कुछ अन्य लोगों द्वारा एक छोटी सी शुरुआत से, यह एक अद्भुत यात्रा रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र को “अनलॉक” करने और यह विश्वास जगाने के बाद कि “आकाश की कोई सीमा नहीं है” एक बड़ी छलांग है।