प्रतिक्रिया | Saturday, March 15, 2025

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युवा पीढ़ी को बदलती वैश्विक मांगों के अनुकुल तैयार करना शिक्षण संस्थानों की जिम्‍मेदारी : राष्‍ट्रपति मुर्मु

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि युवा पीढ़ी को बदलती वैश्विक मांगों के लिए तैयार करना उच्च शिक्षा संस्थानों की जिम्मेदारी है, हालांकि यह चुनौतीपूर्ण कार्य है। देश के संतुलित एवं सतत विकास के लिए यह भी आवश्यक है कि शिक्षा एवं प्रौद्योगिकी का लाभ गांवों तक पहुंचे। इस संदर्भ में गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका है। राष्‍ट्रपति मुर्मु सोमवार को गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के छठे दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थीं। समारोह की अध्यक्षता हरियाणा के राज्यपाल तथा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति माननीय बंडारू दत्तात्रेय ने की।

छात्र अपने गांव एवं शहर के लोगों को शिक्षा के महत्व से अवगत कराएं

राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि इस विश्वविद्यालय में छोटे शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में विद्यार्थी आते हैं। उन्होंने उन विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे अपने गांव एवं शहर के लोगों को शिक्षा के महत्व से अवगत कराएं तथा उन्हें अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करें।

विश्व स्तरीय शोध भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे

राष्ट्रपति ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में किए जाने वाले विश्व स्तरीय शोध भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि यहां के विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों ने विभिन्न शोध और अनुसंधान परियोजनाओं में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। इसमें इनक्यूबेशन, स्टार्ट-अप, पेटेंट फाइलिंग और शोध परियोजनाओं के लिए विशेष विभाग हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये सभी प्रयास विद्यार्थियों में नवाचार और उद्यमिता की भावना विकसित करेंगे और भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाने में मदद करेंगे।

शिक्षा मनुष्य के भीतर नैतिकता, करुणा और सहिष्णुता जैसे जीवन मूल्यों को विकसित करने का साधन

राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान और कौशल हासिल करने का साधन नहीं है। शिक्षा मनुष्य के भीतर नैतिकता, करुणा और सहिष्णुता जैसे जीवन मूल्यों को विकसित करने का भी साधन है। शिक्षा व्यक्ति को रोजगार के योग्य बनाती है और साथ ही सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक भी बनाती है। उन्होंने कहा कि उद्यमिता विद्यार्थियों को सामाजिक जिम्मेदारियों को पूरा करने में मदद कर सकती है।

छात्रों को नौकरी पाने की मानसिकता की बजाय रोजगार पैदा करने की जरूरत 

उद्यमशीलता की मानसिकता उन्हें अवसरों की पहचान करने, जोखिम उठाने और मौजूदा समस्याओं के रचनात्मक समाधान खोजने में सक्षम बनाएगी। एक उद्यमी के रूप में, वे अपने अभिनव विचारों के माध्यम से सामाजिक समस्याओं का समाधान ढूंढ सकते हैं और समाज की प्रगति में योगदान दे सकते हैं। उन्होंने छात्रों से रोजगार पाने की मानसिकता के बजाय रोजगार पैदा करने की मानसिकता अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इसी सोच के साथ आगे बढ़ने पर वे अपने ज्ञान और कौशल का बेहतर तरीके से समाज के कल्याण के लिए उपयोग कर सकेंगे और भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान दे सकेंगे।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने इस अवसर पर कहा कि गुजविप्रौवि ब्लॉक चेन तकनीक पर आधारित डिग्रियां प्रदान करने वाला प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है। इस तकनीक से डिग्रियां देने की शुरुआत आज के दीक्षांत समारोह से ही हो रही है।

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आखरी अपडेट: 15th Mar 2025