प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुधवार को नई दिल्ली में आयोजित ‘विश्व नवकार महामंत्र दिवस’ कार्यक्रम में जैन धर्म के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि जैन धर्म ने भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को मजबूती दी है और इसका संरक्षण सरकार की प्राथमिकता है।
उन्होंने बताया कि हाल ही में बने नए संसद भवन में भी जैन धर्म की उपस्थिति स्पष्ट रूप से दिखती है, ‘शार्दूल द्वार’ से प्रवेश करते ही ‘स्थापत्य गैलरी’ में सम्मेद शिखर का चित्रण है। लोकसभा में एक तीर्थंकर की प्रतिमा स्थापित की गई है जो ऑस्ट्रेलिया से मंगवाई गई है, भगवान महावीर की एक सुंदर पेंटिंग है और दक्षिण भवन की दीवार पर सभी 24 तीर्थंकरों को एक साथ दर्शाया गया है।
प्रधानमंत्री ने जैन साहित्य को भारत की बौद्धिक विरासत की रीढ़ बताया और कहा कि प्राकृत और पाली भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देकर सरकार ने इस परंपरा को सम्मान दिया है। उन्होंने यह भी साझा किया कि वे गुजरात में पले-बढ़े हैं, जहां जैन धर्म का प्रभाव बचपन से ही उनके जीवन में रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने नवकार महामंत्र का सामूहिक जाप किया और इसे आध्यात्मिक ऊर्जा और एकता का क्षण बताया।
यह कार्यक्रम जैन दर्शन के मूल्यों-अहिंसा, आत्मशुद्धि, सत्य और अनुशासन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। इस अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी भाग लिया। वहीं अहमदाबाद में भी जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (JITO) द्वारा इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां हजारों श्रद्धालु और साधु-संतों ने नवकार मंत्र का सामूहिक जाप किया।-(With Input ANI)