प्रतिक्रिया | Monday, September 16, 2024

केंद्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार (28, अगस्त) को कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY) दुनिया की सबसे बड़ी वित्‍तीय समावेश पहल है। सीतारमण ने कहा कि ये योजना गरीबों को आर्थिक मुख्यधारा में लाती है और हाशिए पर मौजूद समुदायों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बता दें, देश आज जन-धन योजना के 10 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 अगस्‍त, 2014 को प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) की शुरुआत की थी।

वित्त मंत्री सीतारमण ने देश में वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय मिशन-प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) के सफलतापूर्वक एक दशक (दस वर्ष) पूरा होने के अवसर पर कहा कि बैंक खाते, लघु बचत योजनाएं, बीमा एवं ऋण सुविधा सहित तमाम सार्वभौमिक, सस्ती एवं औपचारिक वित्तीय सेवाएं प्रदान करते हुए पीएम जन-धन योजना ने पिछले एक दशक में देश के बैंकिंग एवं वित्तीय परिदृश्य को बदल दिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि पीएमजेडीवाई की शुरुआत के बाद से अबतक 53.14 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को बैंकिंग सुविधा मिली है।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीएमजेडीवाई लाभार्थियों के खातों में कुल जमा राशि 2,31,236 करोड़ रुपये है। पीएमजेडीवाई खाते मार्च, 2015 में 15.67 करोड़ से 3.6 गुना बढ़कर 14 अगस्‍त, 2024 तक 53.14 करोड़ हो गए हैं। उन्‍होंने कहा कि करीब 55.6 फीसदी जन-धन खाताधारक महिलाएं हैं, जबकि करीब 66.6 फीसदी जन-धन खाते ग्रामीण एवं कस्‍बाई क्षेत्रों में हैं। वहीं, पीएमजेडीवाई खाताधारकों को 36.14 करोड़ रुपे कार्ड जारी किए गए हैं, जो 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर भी प्रदान करते हैं।

उन्‍होंने कहा कि इस योजना से जन-धन, मोबाइल एवं आधार को लिंक करते हुए सहमति आधारित पाइपलाइन वित्तीय समावेशन परिवेश का एक सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ है जिसने सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के लाभों को पात्र लाभार्थियों के खाते में त्वरित, निर्बाध एवं पारदर्शी तरीके से हस्‍तांतरित करने में सक्षम बनाया है और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया है। उन्हाेंने इस योजना के दस वर्ष पूरा होने की पूर्व संध्‍या पर कहा था कि सरकार की योजना चालू वित्‍त वर्ष में 3 करोड़ और अकाउंट खोलने की है।

पीएमजेडीवाई के दस वर्ष पूरा होने पर केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि ये योजना न केवल मिशन मोड में शासन का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अगर सरकार लोगों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हो तो वह क्या नहीं हासिल कर सकती है। उन्‍होंने कहा कि पिछले एक दशक के दौरान प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत किए गए प्रयासों ने प्रभावी तौर पर परिवर्तनकारी एवं दिशात्मक बदलाव किए हैं। इससे बैंक एवं वित्तीय संस्थान समाज के अंतिम व्यक्ति यानी सबसे गरीब व्यक्ति तक वित्तीय सेवाएं पहुंचाने में समर्थ हुए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने 28 अगस्‍त, 2014 को प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत बैंक खाता खोलने के लिए कोई शुल्क या रखरखाव शुल्क नहीं लिया जाता है और इसके लिए खाते में न्यूनतम शेष राशि को बनाए रखने की कोई जरूरत नहीं है। प्रधानमंत्री जन-धन योजना विश्व का सबसे बड़ा वित्तीय समावेशन कार्यक्रम है। इसकी परिवर्तनकारी ताकत और डिजिटल नवाचारों ने भारत में वित्तीय समावेशन में क्रांतिकारी बदलाव किया है।

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आखरी अपडेट: 16th Sep 2024