जापान की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के नेता शिगेरू इशिबा को जापानी संसद के दोनों सदनों में सर्वाधिक वोट हासिल करने के बाद सोमवार को दोबारा देश का प्रधानमंत्री चुन लिया गया।
30 साल में पहली बार रन ऑफ मतदान हुआ
सिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार संसद ने प्रधानमंत्री चुनने के लिए सोमवार दोपहर को एक असाधारण सत्र बुलाया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, पिछले महीने हुए आम चुनाव में एलडीपी और कोमिटो के सत्तारूढ़ गठबंधन ने अपना लंबे समय से कायम बहुमत खो दिया था। इसकी वजह से इशिबा और प्रमुख विपक्षी संवैधानिक डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता योशिहिको नोडा के बीच रन ऑफ मुकाबला हुआ। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 30 साल में पहली बार रन ऑफ मतदान हुआ।
देश और जनता की सेवा करना सर्वोच्च प्राथमिकता
‘एक्स’ पर जीत की घोषणा करते हुए, इशिबा ने पोस्ट किया, “मुझे जापान का 103वां प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। इस कठिन घरेलू और अंतरराष्ट्रीय माहौल में, मैं देश और उसके लोगों की सेवा करने की पूरी कोशिश करूंगा।” प्रतिनिधि सभा में रन ऑफ मतदान में, 67 वर्षीय इशिबा को 221 वोट मिले, जो 233 बहुमत की सीमा से कम होने के बावजूद नोडा को मिले वोटों से कहीं अधिक थे।
तुरंत चुनाव कराने की घोषणा पड़ा भारी
इशिबा ने अक्टूबर की शुरुआत में देश के 102 वें प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला और अपनी स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से तुरंत चुनाव की घोषणा की। लेकिन मजबूत जनादेश के बजाय, उन्हें एक महत्वपूर्ण झटका लगा, क्योंकि बढ़ती मुद्रास्फीति और एक ‘स्लश फंड घोटाले’ से निराश मतदाताओं ने सत्तारूढ़ ब्लॉक को 2009 के बाद से सबसे कम सीटें दीं।
एलडीपी और कोमिटो को संसद के शक्तिशाली कक्ष में 465 सीटों में से कुल 215 सीटें मिलीं, जो बहुमत के लिए जरूरी 233 सीटों से कम है। एलडीपी ने अकेले 191 सीटें जीतीं, जो चुनाव से पहले उसके पास मौजूद 247 सीटों से बहुत कम है। इसके विपरीत, मुख्य विपक्षी संवैधानिक डेमोक्रेटिक पार्टी ने अपने प्रतिनिधित्व में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की, जो चुनाव से पहले 98 सीटों से बढ़कर 148 सीटों पर पहुंच गई।
आईएएनएस