भारतीय क्रिकेट को नई ऊचाइंयों पर पहुंचाने में अहम योगदान देने के बाद जय शाह ने रविवार यानी 1 दिसंबर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के चेयरमैन के रूप में अपने कार्यकाल की शुरुआत कर दी है। वह ग्रेग बार्कले का स्थान लेंगे। बार्कले नवंबर 2020 से इस पद पर थे। जय शाह इस साल अगस्त में आईसीसी के निर्विरोध चेयरमैन चुने गए थे। आईसीसी ने रविवार को इस बात की जानकारी दी।
आईसीसी चेयरमैन के रूप में जय शाह ने अपने पहले वक्तव्य में अपनी प्राथमिकताओं को रेखांकित किया, जिसमें लॉस एंजिल्स 2028 ओलंपिक खेलों में क्रिकेट को शामिल करने और महिला खेल के विकास में और तेजी लाना शामिल है।
जय शाह ने एक बयान में कहा कि मैं आईसीसी चेयरमैन की भूमिका के लिए सम्मानित महसूस कर रहा हूं और आईसीसी निदेशकों और सदस्य बोर्डों के समर्थन और विश्वास के लिए आभारी हूं। उन्होंने कहा कि यह खेल के लिए एक रोमांचक समय है क्योंकि हम लॉस एंजिल्स 2028 ओलंपिक खेलों की तैयारी कर रहे हैं और दुनिया भर के प्रशंसकों के लिए क्रिकेट को अधिक समावेशी और आकर्षक बनाने के लिए काम कर रहे हैं। हम कई प्रारूपों के सह-अस्तित्व और महिलाओं के खेल के विकास में तेजी लाने की आवश्यकता के साथ एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं। उन्होंने कहा कि क्रिकेट में वैश्विक स्तर पर अपार संभावनाएं हैं और मैं इन अवसरों का लाभ उठाने तथा खेल को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए आईसीसी टीम और सदस्य देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं।
शाह ने पिछले चार वर्षों में आईसीसी की उपलब्धियों में बार्कले के योगदान की सहारना की। उन्होंने कहा कि मैं पिछले चार वर्षों में इस पद पर उनके नेतृत्व के लिए तथा इस अवधि के दौरान हासिल की गई उपलब्धियों के लिए ग्रेग बार्कले को भी धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं वैश्विक मंच पर खेल की पहुंच और विकास का विस्तार करने के लिए आईसीसी टीम और सदस्य देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं।
जय शाह क्रिकेट प्रशासन में व्यापक अनुभव रखते हैं। उन्होंने 2009 में गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के साथ अपना सफर शुरू किया था। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने अहमदाबाद में दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम के विकास की देखरेख की। 2019 में शाह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में शामिल हुए और बीसीसीआई के सबसे युवा सचिव बने। उन्होंने एशियाई क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष और आईसीसी की वित्त एवं वाणिज्यिक मामलों की समिति के अध्यक्ष के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।