प्रतिक्रिया | Monday, September 16, 2024

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज (5, सितंबर) रक्षा तैयारियों की समीक्षा करेंगे और शीर्ष स्तर के सैन्य नेतृत्व को संबोधित करेंगे। संयुक्त कमांडरों का पहला सम्मेलन बुधवार को लखनऊ में शुरू हो चुका है। इसका विषय ‘सशक्त और सुरक्षित भारत: सशस्त्र बलों का परिवर्तन‘ है। यह सम्मेलन बदलते परिवेश के अनुकूल भारत की सेना के भविष्य को आकार देने पर केंद्रित है। 4 सितंबर को प्रमुख रक्षा अध्‍यक्ष जनरल अनिल चौहान ने थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी के साथ सम्‍मेलन का नेतृत्व किया।

इस दौरान वर्तमान सुरक्षा स्थिति और सशस्त्र बलों की रक्षा तैयारियों की समीक्षा करते हुए जनरल अनिल चौहान ने विभिन्न क्षेत्रों में मिलकर काम करने, सहयोग बढाने और भविष्य की योजनाओं के महत्व पर जोर दिया। उन्‍होंने एकीकरण के प्रारूप पर कई पहल शुरू करने के लिए तीनों सेनाओं की सराहना की। निर्णय लेने की प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के साथ कमांड और नियंत्रण केंद्रों की स्थापना पर भी विचार-विमर्श किया गया।

आज सम्‍मेलन के दूसरे दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और भारतीय सशस्त्र बलों के शीर्ष अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श करेंगे। रक्षा मंत्रालय के अनुसार सम्मेलन में क्षेत्रीय और वैश्विक परिवेश में व्याप्त अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए संभावित परिचालन और रोजगार परिदृश्यों का पता लगाया जाएगा, साथ ही भविष्य के युद्धों के लिए एक मजबूत अवधारणा विकसित करने के लिए खतरे और संसाधनों का मिलान किया जाएगा।

यह कमांडरों को सशस्त्र बलों की आधुनिकीकरण योजनाओं की समीक्षा करने और तीनों सेनाओं के बीच संयुक्तता और बेहतर तालमेल के माध्यम से देश की रक्षा क्षमता में सुधार करने के तरीकों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करता है।

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आखरी अपडेट: 16th Sep 2024