प्रतिक्रिया | Thursday, November 07, 2024

दिल्ली सरकार के कथित आबकारी (शराब) नीति घोटाले में गुरुवार को गिरफ्तार किए गए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। दरअसल, आज (शुक्रवार)  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कोर्ट के समक्ष पेश किया। इस दौरान ईडी ने शराब नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की 10 दिन की हिरासत की मांग की। खबर लिखे जाने तक इस मामले में कोर्ट में सुनवाई जारी रही।  

वहीं मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कथित आबकारी नीति घोटाला मामले में सर्वोच्‍च न्‍यायालय से अपनी गिरफ्तारी के विरूद्ध दायर की गई याचिका भी वापस ले ली है। आइए अब जानते हैं कि आबकारी (शराब) नीति घोटाला मामले में पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी द्वारा कब और कितने समन भेजे गए और उन पर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने क्या जवाब दिया।

2 नवंबर 2023 को भेजा गया ईडी का पहला समन 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का पहला समन मिला। इस समन पर अरविंद केजरीवाल पेश नहीं हुए और उन्होंने ईडी से पूछा आपने समन में मुझे यह नहीं बताया कि मैं संदिग्ध हूं या गवाह। साथ ही अरविंद केजरीवाल ने इसका बहाना यह भी लगाया कि यह नोटिस गैर-कानूनी और राजनीति से प्रेरित है। 

21 नवंबर 2023 को भेजा गया दूसरा समन

दूसरे समन पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि व्यक्तिगत पेशी के लिए उनके खिलाफ ये समन जारी किया गया है। यह कहते हुए वे इस पर भी ईडी के सामने पेश नहीं हुए। उन्होंने कहा कि नोटिस कानून के अनुरूप नहीं है और उसे वापस लिया जाना चाहिए। 

3 जनवरी 2024 को भेजा तीसरा समन

इसके बाद अरविंद केजरीवाल के खिलाफ तीसरा समन जारी किया गया। तीसरे समन पर भी अरविंद केजरीवाल पेश नहीं हुए और उन्होंने कहा कि ईडी के समन में यह स्पष्ट नहीं है कि उसने मुझे व्यक्तिगत तौर पर या दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर या फिर आम आदमी के संयोजक के तौर पर बुलाया है। 

18 जनवरी 2024 को भेजा चौथा समन

चौथे समन को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, आगामी लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकने के लिए ये पूरी एक राजनीतिक साजिश रची गई और उसका हिस्सा है। इस प्रकार हर समन पर अरविंद केजरीवाल अलग-अलग बहाना  बनाते हुए नजर आए हैं। 

2 फरवरी 2024 को ईडी ने भेजा पांचवा समन 

सीएम अरविंद केजरीवाल ने पहले की तरह ही इस समन को भी गैरकानूनी ही बताया। 

19 फरवरी 2024 को ईडी ने भेजा छठा समन 

उसके बाद ईडी द्वारा 19 फरवरी 2024 को छठा समन जारी किया गया लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किसी भी समन पर पेश नहीं हुए। छठे समन पर केजरीवाल ने कहा कि ईडी के समन की वैधता का मामला अब कोर्ट में है। यह पूरा मामला कोर्ट में पहुंच गया और ईडी को कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए। 

26 फरवरी 2024 को ईडी ने जारी किया सातवां समन 

इस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बहाना बनाते हुए कहा, क्या ईडी या केंद्र सरकार को कोर्ट पर भरोसा नहीं है ? उन्हें कोर्ट पर भरोसा रखना चाहिए और उसके आदेश का इंतजार करना चाहिए। 

4 मार्च 2024 को ईडी का आठवां समन 

4 मार्च 2024 को ईडी की तरफ से आठवां समन भेजा गया। प्रवर्तन निदेशालय के आठवें समन के बावजूद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए। इस पर भी वे अलग बहाना बनाते हुए नजर आए। 

21 मार्च 2024 को ईडी का नौवां समन 

अभी हाल ही में ईडी की तरफ से अरविंद केजरीवाल को नौवां समन भेजा गया। नौवें समन पर उन्हें 21 मार्च 2024 को पेश होना था। शराब घोटाला मामले में ईडी ने केजरीवाल को नौंवा समन भेजा था लेकिन इस पर भी वे पेश नहीं हुए। 

10वां समन लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल के घर पहुंची ईडी 

इसके बाद ईडी 10वां समन लेकर अरविंद केजरीवाल के घर पहुंची। यहां दो घंटे पूछताछ के बाद में ईडी द्वारा उन्हें गिरफ्तार किया गया। 

क्या है दिल्ली शराब घोटाला जिसमें सीएम अरविंद केजरीवाल की हुई गिरफ्तारी ? 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाला मामले में पकड़ा गया है। ज्ञात हो, 17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की। इसके लिए राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। नई नीति लागू होने के बाद 100 प्रतिशत दुकानें प्राइवेट हो गईं। 

इसके बाद दिल्ली सरकार ने इसको लेकर भी एक नया तक तर्क दिया। इसको लेकर तर्क दिया गया कि दिल्ली सरकार को इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है। एल-1 लाइसेंस के लिए पहले ठेकेदारों को 25 लाख रुपये चुकाने पड़ते थे और नई शराब नीति लागू होने के बाद उसके लिए ठेकेदारों को पांच करोड़ रुपये चुकाने पड़े। इसके पश्चात सीधे तौर पर जनता और सरकार दोनों को नुकसान होने के आरोप लगे हैं। वहीं बड़े शराब कारोबारियों को इसमें फायदा होने की बात कही जा रही है कि दिल्ली सरकार ने बड़े शराब कारोबारियों के साथ मिलकर उन्हें फायदा पहुंचाया। 

शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितता की शिकायतें भी आईं। साथ ही इस पूरे मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की भी सिफारिश की। इस प्रकार दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 सवालों के घेरे में आ गई। हालांकि बाद में नई शराब नीति को रद्द कर दिया गया था। जब कई सारे सवाल इस नीति पर उठने लगे तो इसे रद्द कर दिया गया। 

नई शराब नीति में लगे 4 नियम तोड़ने के आरोप 

नई शराब नीति में 4 नियम तोड़ने के आरोप लगे हैं। उनमें निम्न नियम शामिल हैं:
1. GNCTD अधिनियम 1991 
2. व्यापार नियमों के लेनदेन (TOBR)-1993
3. दिल्ली उत्पाद शुल्क-2009
4. दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम-2010

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आखरी अपडेट: 7th Nov 2024