प्रतिक्रिया | Saturday, September 07, 2024

गोवा क्रांति दिवस: आज ही के दिन डॉ. राममनोहर लोहिया के नेतृत्व में गोवा मुक्ति संग्राम का हुआ था आगाज

18 जून का दिन गोवा मुक्ति संग्राम के लिए आज भी विशेष तौर पर याद किया जाता है। इस बार इस अवसर पर आज (मंगलवार) सुबह राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत गोवा क्रांति दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम का आयोजन आजाद मैदान में किया गया। 

उन्होंने प्रदेश के सभी लोगों को गोवा क्रांति दिवस की शुभकामनाएं देते हुए डॉ. राममनोहर लोहिया के योगदान का स्मरण किया। उन्होंने एक्स हैंडल में लिखा है, ” यह दिन मातृभूमि के लिए गोवावासियों की एकता और भावना का प्रतीक है। मैं इस आंदोलन के नेता स्वर्गीय डॉ. राम मनोहर लोहिया और इस संघर्ष का हिस्सा बने क्रांतिकारियों को अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।”

दरअसल, भारत को 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी तो मिल गई थी, लेकिन इसके बावजूद स्वतंत्र भारत का एक हिस्सा ऐसा भी था जहां आजादी के बाद भी कई बरस तक विदेशियों का शासन रहा और इसे आजाद होने में 14 बरस और लगे। जी हां, यह हिस्सा था देश का तटीय क्षेत्र गोवा। तब गोवा पुर्तगालियों के कब्जे में रहा। स्वतंत्रता सेनानी और प्रखर समाजवादी चिंतक डॉ. राममनोहर लोहिया को यह स्थिति बहुत खल रही थी। 

18 जून, 1946 को गोवा पहुंचकर पुर्तगालियों के खिलाफ किया आंदोलन

इसलिए उन्होंने 18 जून, 1946 को गोवा पहुंचकर पुर्तगालियों के खिलाफ आंदोलन शुरू किया। इस आंदोलन में हजारों गोवावासी शामिल हुए। हालांकि कई साल के संघर्ष के बाद गोवा को 1961 में आजादी मिली। इस वजह से हर साल 18 जून को गोवा क्रांति दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

2 दिसंबर को गोवा मुक्ति का अभियान किया शुरू 

ज्ञात हो, गोवा मुक्ति संग्राम की लंबी जद्दोजहद के बाद 1961 में भारतीय सेना के तीनों अंगों को पुर्तगाली सेना के खिलाफ युद्ध के लिए तैयार रहने के आदेश मिले थे। दो दिसंबर को गोवा मुक्ति का अभियान शुरू कर दिया गया। 17 इन्फैंट्री डिवीजन और 50 पैरा ब्रिगेड की कमान मेजर जनरल केपी कैंडेथ ने संभाली। 

19 दिसंबर, 1961 को तत्कालीन पुर्तगाली गवर्नर ने भारत के सामने किया समर्पण 

वायुसेना ने 8 और 9 दिसम्बर को पुर्तगालियों के ठिकाने पर बमबारी की। इस अभियान में कई भारतीय सैनिक और पुर्तगाली मारे भी गए। इसके परिणामस्वरूप 19 दिसंबर, 1961 को तत्कालीन पुर्तगाली गवर्नर मैन्यू वासलो डे सिल्वा ने भारत के सामने समर्पण कर दिया। दमन दीप भी उस समय गोवा का हिस्सा था तो इस तरह दमन दीव भी आजाद हुआ। 

गोवा को आजादी 1961 में मिली 

गोवा को आजादी 1961 में मिली लेकिन पूर्ण राज्य बनने में भी समय लगा। आजादी के एक साल बाद चुनाव हुए और दयानंद भंडारकर गोवा के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने। महाराष्ट्र में विलय की बात पर गोवा में जनमत संग्रह हुआ और लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश के रूप में रहना पसंद किया। वर्ष 1987 की 30 मई को गोवा भारत का 25वां पूर्ण राज्य बना। (इनपुट-हिंदुस्थान समाचार)

कॉपीराइट © 2024 न्यूज़ ऑन एयर। सर्वाधिकार सुरक्षित
आगंतुकों: 7711999
आखरी अपडेट: 7th Sep 2024