विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आज बुधवार को कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या से फोन पर बातचीत की। इस दौरान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद कुवैत द्वारा दिखाए गए समर्थन और एकजुटता के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। यह हमला जम्मू-कश्मीर के बैसरन घास के मैदान में पर्यटकों को निशाना बनाकर किया गया था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए। जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट कर बताया, “कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या से बात कर खुशी हुई। पहलगाम आतंकी हमले के बाद उनके समर्थन और एकजुटता के लिए धन्यवाद दिया।”
इस हमले की दुनियाभर के नेताओं ने निंदा की है और भारत के साथ संवेदना व्यक्त की है। भारत सरकार ने इस आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है और सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कड़े कदम उठाए हैं।
इससे पहले पीएम मोदी ने भी 28 अप्रैल को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 121वें एपिसोड में इस हमले पर गहरा दुख जताया और इसे देश के लिए बहुत ही दर्दनाक घटना बताया। उन्होंने कहा, “आज जब मैं आपसे दिल की बात कर रहा हूं, तो मेरे दिल में गहरी वेदना है। 22 अप्रैल को हुआ पहलगाम आतंकी हमला देश के हर नागरिक को झकझोर गया है। हर भारतीय शोक और गुस्से में है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे कश्मीर में शांति लौट रही थी, विकास कार्य तेज हो रहे थे, पर्यटन बढ़ रहा था और युवाओं के लिए नए अवसर बन रहे थे, देश और जम्मू-कश्मीर के दुश्मनों को यह मंजूर नहीं हुआ। उन्होंने कहा, “यह हमला आतंकियों और उनके समर्थकों की कायरता और हताशा को दिखाता है। वे नहीं चाहते कि कश्मीर में अमन और तरक्की लौटे।”
प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से एकजुट रहने की अपील की और भरोसा दिलाया कि इस हमले के गुनहगारों को सबसे कड़ी सजा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि देश की एकता ही आतंक के खिलाफ सबसे बड़ी ताकत है और इसी एकजुटता से हम इन चुनौतियों का सामना करेंगे।