लोकसभा चुनाव-2024 के दूसरे चरण के लिए नामांकन का आज (गुरुवार) को अंतिम दिन है। दूसरे चरण में 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 88 सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान होगा।
दूसरे चरण में 26 अप्रैल को इन राज्यों की लोकसभा सीटों पर होगा चुनाव
इस चरण में असम, बिहार, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के अलावा बाहरी मणिपुर की एक सीट शामिल है।
ज्ञात हो, लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया 28 मार्च 2024 (गुरुवार) से शुरू की गई थी। भारत निर्वाचन आयोग ने इसके लिए राजपत्र अधिसूचना जारी की थी जिसमें उम्मीदवारों को नामांकन पत्र भरने का एक सप्ताह का समय दिया गया था।
19 अप्रैल को प्रथम चरण की 102 लोकसभा सीटों के लिए होगा मतदान
वहीं, इससे पहले लोकसभा चुनाव 2024 के प्रथम चरण में 19 अप्रैल को 102 लोकसभा सीटों पर चुनाव होंगे। इस चरण में तमिलनाडु की 39, राजस्थान की 12, उत्तर प्रदेश की 08, मध्य प्रदेश की 06, उत्तराखंड, असम और महाराष्ट्र की 5-5, बिहार की 4, पश्चिम बंगाल की 3, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और मेघालय की 2-2 सीटों तथा छत्तीसगढ़, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, जम्मू-कश्मीर, लक्षद्वीप तथा पुदुचेरी की एक-एक सीट पर मतदान होगा।
प्रथम चरण के चुनाव के लिए जमा किए गए नामांकन पत्रों की जांच आज 28 मार्च को की गई और उम्मीदवारों को 30 मार्च तक नाम वापस लिए जाने का मौका दिया गया। वहीं बिहार में नामांकन पत्रों की जांच 30 मार्च को की गई और दो अप्रैल तक नाम वापस लिए जाने का मौका दिया गया।
सात चरणों में 1 जून तक होगा मतदान, 4 जून को आएंगे नतीजे
निर्वाचन आयोग के मुताबिक 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में सात चरणों में 1 जून तक मतदान होगा और वोटों की गिनती 4 जून को होगी। उल्लेखनीय है कि शांतिपूर्ण एवं प्रलोभन मुक्त निर्वाचन के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखने के लिए सीएस, डीजीपी एवं केन्द्रीय एजेन्सियों के प्रमुखों को निर्देश दिए हैं।
कानून एवं व्यवस्था संबंधी निर्देश
– कड़ी निगरानी के लिए अंतर्राष्ट्रीय और अंतरराज्यीय सीमाओं पर एकीकृत जांच चौकियां।
– सीमावर्ती जिलों के बीच अपराधियों और असामाजिक तत्वों पर खुफिया जानकारी साझा करना।
– अंतिम 48 घंटों के दौरान फर्जी मतदान को रोकने के लिए अंतरराज्यीय सीमाओं को सील करना।
– सीमावर्ती जिलों की नियमित अंतरराज्यीय समन्वय बैठकें।
– राज्य पुलिस द्वारा अंतरराज्यीय सीमावर्ती जिलों पर गश्त तेज करें।
– सीमावर्ती राज्यों के समन्वय से रणनीतिक स्थानों पर अतिरिक्त नाके स्थापित किए जाएंगे।
– मतदान के दिन अंतरराज्यीय सीमा सील करें।
– सीमावर्ती राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के उत्पाद शुल्क आयुक्त परमिट की वास्तविकता की जांच सुनिश्चित करें, विशेष रूप से सीमावर्ती जिलों में शराब की दुकानों की औचक जांच करें।
– लाइसेंसी हथियारों को समय पर जमा करना और गैर जमानती वारंटों का निष्पादन करना।
– भगोड़ों, हिस्ट्रीशीटरों, चुनाव संबंधी अपराधों में संलिप्त अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाही।
– खतरे की आशंका के आधार पर राजनीतिक पदाधिकारियों/उम्मीदवारों को पर्याप्त सुरक्षा कवर।
व्यय निगरानी:
– अंतरराज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर अवैध शराब, नकदी, नशीली दवाओं के प्रवाह को रोकना।
– चेकपोस्टों पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर निगरानी को मजबूत करना।
– पुलिस, आबकारी, परिवहन, जीएसटी एवं वन विभाग द्वारा संयुक्त चेकिंग अभियान।
– हेलीपैड, हवाई अड्डों, बस स्टेशनों और रेलवे स्टेशनों पर कड़ी निगरानी।
– शराब और नशीली दवाओं के सरगनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई, देशी शराब के प्रवाह में कटौती, इसे व्यवस्थित रूप से प्लग करने के लिए फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज स्थापित करें।
– शराब, नकदी, नशीली दवाओं और मुफ्त वस्तुओं के परिवहन के लिए संवेदनशील मार्गों का मानचित्रण।
केंद्रीय एजेंसियों को दिशा-निर्देश
– असम राइफल्स द्वारा भारत-म्यांमार सीमा पर कड़ी निगरानी; एसएसबी द्वारा विशेष रूप से नेपाल के साथ छिद्रपूर्ण सीमा वाले क्षेत्रों में भारत नेपाल सीमा; बीएसएफ द्वारा भारत-बांग्लादेश सीमा और पश्चिमी सीमाएँ; भारत-चीन सीमा पर आईटीबीपी द्वारा और तटीय क्षेत्र वाले राज्यों में भारतीय तटरक्षक बल द्वारा निगरानी की जायें।
– असम राइफल्स राज्य पुलिस, सीएपीएफ आदि के साथ नियमित संयुक्त सुरक्षा समन्वय बैठकें आयोजित करेगी।
– एसएसबी किसी भी अवैध गतिविधि के लिए नेपाल और बांग्लादेश के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखेगी, खासकर मतदान के 72 घंटे पहले।
– नागरिक प्रशासन के समन्वय से नव शामिल सीएपीएफ कंपनियों के लिए क्षेत्र से परिचित करायें।
– राज्य पुलिस के समन्वय से संयुक्त जांच चौकियां भी स्थापित करें।