लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र और गोवा के पूर्व राज्यपाल और पूर्व सांसद भगत सिंह कोश्यारी की प्रशंसा करते हुए उन्हें एक असाधारण व्यक्तित्व बताया। भगत सिंह कोश्यारी का संघर्ष, जीवन और राष्ट्र तथा समाज के लिए उनका योगदान केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए ही नहीं बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणादायी है। लोक सभा अध्यक्ष ने दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में मदन मोहन सती की पुस्तक “पर्वत शिरोमणि भगत सिंह कोश्यारी” का विमोचन करते हुए ये बातें कहीं।
ओम बिरला ने कहा कि एक छात्र, राजनेता, लेखक और पत्रकार के रूप में, भगत सिंह कोश्यारी ने अपना पूरा जीवन राष्ट्र की सेवा में समर्पित कर दिया। उन्होंने निर्धन और हाशिए पर मौजूद लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अथक प्रयास किया।
लोक सभा अध्यक्ष ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अपने पूरे जीवन में, भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्र को प्रथम स्थान पर रखा, अपने जीवन में उनका यह सिद्धांत अटल रहा। संसद में कोश्यारी के साथ अपने समय को याद करते हुए, लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सांसद और संसदीय समिति के अध्यक्ष दोनों के रूप में, भगत कोश्यारी ने सर्वोच्च प्रतिबद्धता के साथ संस्था की सेवा करने के लिए एक अद्वितीय समर्पण का प्रदर्शन किया।
ओम बिरला ने पहाड़ियों के विकास, वनों के संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के बारे में भगत सिंह कोश्यारी की गहरी आस्था का भी उल्लेख किया। अपने संबोधन में लोक सभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि चाहे वे मुख्यमंत्री रहे हों या राज्यपाल या सांसद, कोश्यारी ने न तो अहंकार दिखाया और न ही सत्ता के प्रति लगाव। वे हमेशा सिद्धांतों और नियमों का पालन करते रहे, चाहे वे पद पर रहे हों अथवा नहीं।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि भगत सिंह कोश्यारी सेवा, समर्पण, निष्ठा और आध्यात्मिकता की प्रतिमूर्ति हैं। उन्होंने कहा कि कोश्यारी के साथ हर बातचीत ने उन्हें राष्ट्र की सेवा में समर्पित रहने के लिए नई ऊर्जा प्रदान की है।