प्रतिक्रिया | Tuesday, April 01, 2025

  • Twitter
  • Facebook
  • YouTube
  • Instagram

Maha Kumbh 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हनुमान मंदिर में किए दर्शन-पूजन, महाकुंभ की भव्यता और दिव्यता की बनीं साक्षी

प्रयागराज में देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पहुंचकर पवित्र त्रिवेणी संगम में स्नान किया। इसके बाद वैदिक मंत्रोच्चारण और श्लोकों के बीच उन्होंने संगम स्थल पर पूजा-अर्चना की और संगम की आरती भी उतारी। राष्ट्रपति यहां महाकुंभ की भव्यता और दिव्यता की साक्षी बनीं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अक्षयवट और सरस्वती कूप के दर्शन किए, साथ ही बड़े हनुमान मंदिर पहुंचकर श्रद्धाभाव से पूजन-अर्चन किया। इस दौरान प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संगम में पवित्र स्नान के उपरांत धार्मिक आस्था को और अधिक मजबूती देने के लिए अक्षयवट का दर्शन-पूजन किया। सनातन संस्कृति में अक्षयवट को अमरता का प्रतीक माना जाता है। यह हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण स्थल है, जिसकी महत्ता पुराणों में भी वर्णित है।

इसके अलावा वे यहां सरस्वती कूप के दर्शन को भी पहुंचीं। उन्होंने बड़े हनुमान मंदिर में भी दर्शन-पूजन किया और देशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की। मंदिर के महंत और बाघंबरी पीठ के पीठाधीश्वर बलबीर गिरि ने पूरे विधि विधान से पूजन संपन्न कराया और राष्ट्रपति को मंदिर की प्रतिकृति भेंट की।

आधुनिक भारत और डिजिटल युग के साथ धार्मिक आयोजनों को जोड़ने की पीएम मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी समर्थन दिया। वे डिजिटल महाकुंभ अनुभूति केंद्र का अवलोकन करने पहुंचीं, जिसमें महाकुंभ मेले की विस्तृत जानकारी तकनीकी माध्यमों से उपलब्ध कराई जा रही है।

देश-विदेश के श्रद्धालुओं को महाकुंभ के अद्भुत आयोजन को और अधिक निकटता से अनुभव करने के लिए इसे स्थापित किया गया है। राष्ट्रपति ने स्वयं इसका अनुभव किया। वहीं, मुख्यमंत्री ने उन्हें केंद्र की विशेषताओं से अवगत कराया।

इससे पहले राष्ट्रपति मुर्मू के सोमवार सुबह प्रयागराज पहुंचने पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। यहां से राष्ट्रपति अरैल घाट पहुंचीं, जहां से क्रूज पर सवार होकर वह त्रिवेणी संगम पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने डेक पर खड़े होकर नौका विहार का आनंद भी लिया और अपने हाथों से पक्षियों को दाना खिलाया।

आगंतुकों: 21819831
आखरी अपडेट: 1st Apr 2025