महाकुंभ का अंतिम अमृत स्नान 26 फरवरी को है। गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर स्नान करने के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, बंगाल समेत कई राज्यों के तीर्थयात्री बड़ी संख्या में प्रयागराज में एकत्र हुए हैं।
अमृत स्नान के बाद के लिए रेलवे की व्यापक तैयारियां
अमृत स्नान के बाद बड़ी संख्या में लोगों के अपने गृहनगर लौटने की उम्मीद है, जिससे रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। इसे ध्यान में रखते हुए उत्तर मध्य रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे और उत्तर रेलवे ने व्यापक तैयारियां की हैं और सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने कार्यस्थलों पर सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। मौनी अमावस्या के अवसर पर 360 से अधिक ट्रेनें चलाई गई, जिसमें 20 लाख से अधिक लोगों को सफलतापूर्वक उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया। इसी तरह महाशिवरात्रि स्नान के बाद अतिरिक्त ट्रेनें चलाने के विशेष इंतजाम किए गए हैं, जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल के लिए प्रयागराज के पास अतिरिक्त रेक तैनात किए गए हैं। शुरुआत में रेलवे ने महाकुंभ के दौरान करीब 13,500 ट्रेनें चलाने की योजना बनाई थी। हालांकि 42वें दिन तक बड़ी संख्या में स्पेशल ट्रेनों समेत 15,000 से अधिक ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं।
रेल मंत्री की रेलवे संचालन पर कड़ी निगरानी
केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव पूरे रेलवे संचालन पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ सतीश कुमार सक्रिय रूप से ट्रेन संचालन की निगरानी कर रहे हैं। तीनों जोनल रेलवे के महाप्रबंधक अपनी टीमों के साथ रेलवे व्यवस्थाओं को मजबूत बनाने में जुटे हुए हैं। रेल मंत्री ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सभी जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों को निर्देश दिया है कि वे महाकुंभ यात्रियों की पूरी देखभाल सुनिश्चित करें और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त विशेष ट्रेनें भी चलाएं।
बड़ी संख्या में ट्रेनें चलाने, आसान टिकटिंग समेत अनेक इंतजाम
महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की संभावना को ध्यान में रखते हुए रेलवे प्रशासन ने बड़ी संख्या में ट्रेनें चलाने के अलावा यात्रियों की सुविधा के लिए सुरक्षा, आश्रय और आसान टिकटिंग समेत अनेक इंतजाम किए हैं। प्रयागराज क्षेत्र के सभी स्टेशनों पर वाणिज्य विभाग के 1500 से अधिक कर्मचारी और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के 3000 जवान तैनात किए गए हैं। इसके अलावा प्रयागराज में रेलवे सुरक्षा विशेष बल के 29 दस्ते, महिला रेलवे सुरक्षा विशेष बल के 2 दस्ते, 22 डॉग स्क्वॉड और 2 बम निरोधक दस्ते तैनात किए गए हैं। स्काउट एंड गाइड, सिविल डिफेंस और अन्य विभागों की टीमें श्रद्धालुओं को बेहतर यात्रा सुविधाएं देने के लिए काम कर रही हैं।
तीर्थयात्रियों के लिए विशेष ट्रेनों से गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा
तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए प्रयागराज क्षेत्र के सभी स्टेशनों पर आंतरिक आवागमन की योजना लागू की गई है और तीर्थयात्रियों को विशेष ट्रेनों के माध्यम से उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है। प्रयागराज जंक्शन पर यात्रियों को उनके गंतव्य के आधार पर विशिष्ट आश्रयों के लिए निर्देशित किया गया और फिर विशेष ट्रेनों द्वारा उनके संबंधित स्थानों पर ले जाया गया। जब यात्रियों की संख्या बढ़ गई, तो रेलवे ने खुसरो बाग में यात्रियों को रोककर अपनी आपातकालीन योजना लागू की। इसके बाद यात्रियों को ट्रेनों में चढ़ने से पहले निर्दिष्ट आश्रयों के माध्यम से सुरक्षित रूप से स्टेशन में प्रवेश करने का निर्देश दिया गया। प्रयागराज जंक्शन के नियंत्रण टॉवर से प्रयागराज मंडल के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सभी गतिविधियों की निगरानी की गई और ट्रेन संचालन में व्यवधान को रोकने और विशेष ट्रेनों में तीर्थयात्रियों के सुरक्षित प्रस्थान को सुनिश्चित करने के लिए समय पर निर्णय लिए गए।
स्टेशनों पर चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध
विभिन्न स्टेशनों पर चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध थीं, जहां गंभीर मामलों में तीर्थयात्रियों का निरीक्षण कक्षों में इलाज किया गया। महाकुंभ 2025 के दौरान, अनेक तीर्थयात्रियों ने रेलवे द्वारा दी जाने वाली डिजिटल सेवाओं का उपयोग किया। लाखों यात्रियों ने अपनी यात्रा आवश्यकताओं के लिए वेबसाइट और कुंभ ऐप का उपयोग किया। महाकुंभ के अंतिम सप्ताहांत के दौरान, रेलवे ने नियमित और विशेष दोनों तरह की ट्रेनों का कुशलतापूर्वक प्रबंधन किया। रविवार को, इसने 335 ट्रेनों का सफलतापूर्वक संचालन किया, जिससे 16 लाख से अधिक लोग अपने गंतव्य तक पहुंचे।