बसंत पंचमी के पवित्र अवसर पर सोमवार को त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान के लिए आस्था का जनसमुद्र उमड़ पड़ा। महाकुंभ के तीसरे अमृत स्नान पर करोड़ों श्रद्धालु देर रात से ही पुण्य की कामना के साथ संगम की रेत पर एकत्रित होने लगे। हर-हर गंगे, बम बम भोले और जय श्री राम के गगनभेदी उद्घोष से पूरा मेला क्षेत्र गूंज उठा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष निर्देश पर सुरक्षा के ऐसे पुख्ता इंतजाम रहे कि परिंदा भी पर न मार सके। यहां डीआईजी और एसएसपी खुद मैदान में उतरकर व्यवस्था की निगरानी कर रहे थे। सीएम योगी ने इस अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “महाकुंभ केवल भारत नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए आध्यात्मिक प्रेरणा का स्रोत है।”
वहीं, वसंत पंचमी के मौके पर तीसरा अमृत स्नान कर रहे साधु-संतों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जा रही है। साथ ही भक्त भी दर्शन और चरण रज लेने के लिए खड़े नजर आ रहे हैं।
भोर से ही संगम पर अखाड़ों का जाना शुरू
बसंत पंचमी के अवसर पर सोमवार को त्रिवेणी संगम में अखाड़े अपने निर्धारित समय और कार्यक्रम के अनुसार पावन स्नान कर रहे हैं। भोर से ही संगम पर अखाड़ों का जाना शुरू हो गया था। बाकी अखाड़े अपने क्रम के अनुसार स्नान के लिए जा रहे हैं। इस दौरान स्नान के लिए श्रद्धालुओं का रेला भी नजर आ रहा है। इस मौके पर हाथों में तलवार-गदा, त्रिशूल, डमरू, शंख और शरीर पर भभूत है। पालकी, घोड़े और रथ की सवारी। हर-हर महादेव का उद्घोष करते हुए साधु-संत स्नान के लिए संगम पहुंच रहे हैं।
सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम
श्रद्धालुओं के साथ साधु-संत, महामंडलेश्वर और देश-विदेश से आए भक्त संगम में पवित्र डुबकी लगाते नजर आए। इसके साथ ही सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम किए गए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अमृत स्नान के लिए अद्भुत और दिव्य महाकुम्भ की सभी व्यवस्था सुनिश्चित की गईं। यातायात पूरी तरह सुचारु रहा और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा। स्नान के बाद श्रद्धालु दान-पुण्य करते दिखे।
महाकुंभ का डिजिटल स्वरूप
बसंत पंचमी पर अमृत स्नान के दौरान महाकुंभ का डिजिटल स्वरूप भी आकर्षण का केंद्र रहा। जहां हर व्यक्ति इस दिव्य अनुभूति को अपने कैमरे में सुरक्षित करने के लिए उत्साहित नजर आया। संगम तट पर फूल-मालाओं से लदे संतों पर उत्साहित श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया, जिससे पूरे महाकुंभ का माहौल और भव्य बन गया।
योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को दीं शुभकामनाएं
बसंत पंचमी के पावन अवसर पर महाकुंभ 2025 में पवित्र त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित करने वाले पूज्य साधु-संतों, धर्माचार्यों, सभी अखाड़ों, कल्पवासियों एवं श्रद्धालुओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हार्दिक बधाई दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “महाकुंभ केवल भारत नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए आध्यात्मिक प्रेरणा का स्रोत है।”
बसंत पंचमी पर पावन स्नान, साधु-संतों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा हुई
आज तीसरा अमृत स्नान कर रहे साधु-संतों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जा रही है। साथ ही भक्त भी दर्शन और चरण रज लेने के लिए खड़े नजर आ रहे हैं। बसंत पंचमी का पर्व महाकुंभ का तीसरा और आखिरी अमृत स्नान है।
परंपरा के अनुसार सभी अखाड़े अपने-अपने क्रम से पवित्र संगम में अमृत स्नान कर रहे हैं। अखाड़ों के सभी पदाधिकारियों, महंत, अध्यक्ष, मंडलेश्वरों, महामंडलेश्वरों के रथ, हाथी, घोड़ों, चांदी के हौदों की साज-सज्जा फूल, मालाओं और तरह-तरह के आभूषणों से सजी नजर आ रही है। महामंडलेश्वरों के रथों पर भगवान की मूर्तियां, शुभ चिन्हों, पशु-पक्षियों, कलश आदि का अलंकरण किया गया है।
सभी अखाड़े अपने ईष्ट देवों की पालकियां लेकर संगम की ओर प्रस्थान कर रहे हैं
नागा और बैरागी संन्यासी मध्य रात्रि से तन पर भस्म रमा कर अखाड़ों की धर्म ध्वजा और ईष्ट देव का पूजन कर रहे हैं। समय और क्रम के अनुसार सभी अखाड़े अपने ईष्ट देवों की पालकियां लेकर संगम की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। उनके साथ मंडलेश्वरों और महामंडलेश्वरों के रथ और घोड़े के साथ उनके भक्तगण भी अमृत स्नान के लिए पहुंच रहे हैं।
सीएम योगी बसंत पंचमी के अमृत स्नान का लगातार अपडेट ले रहे हैं
एक-एक करके सभी अखाड़े स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रातः साढ़े तीन बजे से अपने सरकारी आवास स्थित वॉर रूम में डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह एवं मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के साथ बसंत पंचमी के अमृत स्नान का लगातार अपडेट ले रहे हैं और आवश्यक निर्देश दे रहे हैं।
इस अवसर पर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने मीडिया से कहा, “आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। आज बसंत पंचमी है और इससे होली का आगमन हो रहा है। इससे हर कोई खुश है। आगे मैं सनातन धर्म का उत्कर्ष देख रहा हूं।”