महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व अजीत पवार ने आज बुधवार को छत्रपति शिवाजी महाराज की 395वीं जयंती के अवसर पर पुणे के शिवनेरी किले में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने शिवाजी महाराज के किलों के विकास और अतिक्रमण हटाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज केवल एक योद्धा ही नहीं बल्कि एक कुशल प्रशासक भी थे। हर साल हम यहां आते हैं और इस पवित्र स्थान से प्रेरणा लेते हैं। उन्होंने घोषणा की कि राज्य सरकार शिवाजी महाराज के सभी किलों का विकास करेगी और अतिक्रमण हटाने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।
शिवनेरी किले सहित 12 किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल करने का प्रयास : एकनाथ शिंदे
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने जानकारी दी कि महाराष्ट्र सरकार शिवनेरी किले सहित 12 किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि जब भी हम यहां आते हैं तो एक अलग ऊर्जा और प्रेरणा महसूस होती है। हम शिवाजी महाराज के किले की मिट्टी का तिलक कर यह संकल्प लेते हैं कि महाराष्ट्र के विकास के लिए अंतिम सांस और अंतिम बूंद खून तक काम करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती सिर्फ महाराष्ट्र में ही नहीं पूरे देश और विदेशों में भी मनाई जा रही है।
डिप्टी सीएम अजीत पवार ने शिवाजी महाराज की शासन प्रणाली को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि हर साल लाखों लोग शिवनेरी किले पर आकर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज का सुशासन और सामाजिक न्याय आज भी हमें सही दिशा में काम करने की प्रेरणा देता है। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि उनके किलों के विकास के लिए किसी भी तरह की फंडिंग की कमी न हो।
छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी, 1630 को शिवनेरी किले में हुआ था। वे 17वीं सदी के महान मराठा योद्धा थे जिन्होंने 1674 में मराठा साम्राज्य की नींव रखी और मुगलों के खिलाफ कई युद्ध लड़े। वे न केवल एक वीर सेनानायक थे बल्कि एक संगठित प्रशासनिक व्यवस्था बनाने में भी सफल रहे। उन्होंने एक व्यापक नागरिक संहिता लागू की, जो जनता के हितों की रक्षा करती थी।