संसद के शीतकालीन सत्र से पहले, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार सुबह सर्वदलीय बैठक बुलाई। यह बैठक राष्ट्रीय राजधानी में संसद भवन एनेक्सी के मुख्य समिति कक्ष में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की।
इस बैठक में कांग्रेस के नेता जयराम रमेश, प्रमोद तिवारी और के. सुरेश के साथ जेडीयू सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने भाग लिया। इसके अलावा, वाईएसआरसीपी के पीवी मिथुन रेड्डी और वि. विजयसाई रेड्डी, बीजेडी के सस्मित पात्रा, एमडीएमके के वाइको, एसपी के रामगोपाल यादव और टीडीपी के लावू श्री कृष्ण देव रायालु जैसे नेता भी बैठक में शामिल हुए।
शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। कांग्रेस ने संकेत दिया है कि वह मणिपुर की स्थिति, अदानी समूह से जुड़े विवाद और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सीमा तनाव जैसे मुद्दों को उठाएगी।
सरकार की प्रमुख विधायी प्राथमिकताओं में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 शामिल है, जिसे फिलहाल एक संयुक्त संसदीय समिति द्वारा समीक्षा के लिए रखा गया है। यह समिति विभिन्न राज्यों में विभिन्न हितधारकों से चर्चा कर रही है ताकि विवादों का समाधान और आम सहमति बनाई जा सके। समिति की रिपोर्ट सत्र के पहले सप्ताह में प्रस्तुत होने की संभावना है।
इसके अलावा, सरकार ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (एक राष्ट्र, एक चुनाव) विधेयक पेश कर सकती है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह संसाधनों के बेहतर उपयोग के साथ भारत के लोकतंत्र को मजबूत करेगा। प्रधानमंत्री ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।
हालांकि, कांग्रेस ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ प्रस्ताव का विरोध किया है। कांग्रेस का कहना है कि प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर आगे बढ़ने से पहले संसद के सभी सदस्यों का विश्वास जीतना होगा।
संविधान दिवस मनाने के लिए 26 नवंबर को लोकसभा और राज्यसभा की बैठकें नहीं होंगी। शीतकालीन सत्र में सरकार के महत्वपूर्ण विधायी एजेंडे के साथ-साथ विपक्ष द्वारा उठाए गए प्रमुख राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।