मानसून की विदाई शुरू हो चुकी है, हालांकि कई राज्यों में भारी बारिश से बाढ़ की स्थिति आ गई है। इस बीच केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय आपदा कोष से बाढ़ और अतिवृष्टि से प्रभावित राज्यों के लिए 675 करोड़ रुपए का अनुदान जारी किया है। इसमें गुजरात को 600 करोड़ रुपये, मणिपुर को 50 करोड़ रुपये और त्रिपुरा को 25 करोड़ रुपये अग्रिम जारी करने को मंजूरी दी है। ये राज्य इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान अत्यधिक भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं। यह राशि जारी करते हुए कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार बाढ़ प्रभावित राज्यों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
नुकसान का आकलन करने के लिए अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल तैनात
इस वर्ष असम, मिजोरम, केरल, त्रिपुरा, नागालैंड, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और मणिपुर राज्य अत्यधिक भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन के कारण प्रभावित हुए हैं। इन सभी प्रभावित राज्यों में नुकसान का मौके पर आकलन करने के लिए अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल (आईएमसीटी) तैनात किए गए हैं। शेष राज्यों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता आईएमसीटी की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद तय की जाएगी।
इसके अलावा, हाल ही में बिहार और पश्चिम बंगाल राज्य भी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और नुकसान का मौके पर आकलन करने के लिए जल्द ही इन राज्यों में आईएमसीटी भेजी जाएंगी।
वित्तीय सहायता के अलावा, एनडीआरएफ, सेना और वायुसेना की तैनाती
इस वर्ष के दौरान, केंद्र सरकार ने एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रया बल) से 21 राज्यों को 9044.80 करोड़ रुपये, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) से 15 राज्यों को 4528.66 करोड़ रुपये और राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि (एसडीएमएफ) से 11 राज्यों को 1385.45 करोड़ रुपये जारी किए हैं। वित्तीय सहायता के अलावा, केंद्र सरकार ने सभी बाढ़ प्रभावित राज्यों को अपेक्षित एनडीआरएफ टीमों, सेना टीमों और वायु सेना की सहायता की तैनाती सहित सभी रसद सहायता प्रदान की है।