भारतीय युद्धपोत निर्माण प्रौद्योगिकी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाले मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) ने मंगलवार को 250वां स्थापना दिवस मनाया। समारोह में रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने एमडीएल से युद्धपोत निर्माण प्रौद्योगिकी में अपनी वास्तविक क्षमता का पूरी तरह से इस्तेमाल करने का आह्वान किया। उन्होंने शिपयार्ड से भारत की जरूरतों के साथ-साथ मित्र देशों की जरूरतों को भी पूरा करने का आग्रह किया। उन्होंने इस मौके पर भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से उपलब्ध कराया गया 250 रुपये का एक विशेष सिक्का जारी किया, जिसे शिपयार्ड के समृद्ध इतिहास और ऐतिहासिक विरासत का सम्मान करने के लिए तैयार किया गया था।
एमडीएल के स्थापना दिवस को स्मरणीय बनाने के लिए मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में रक्षा सचिव ने मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड को भारत का अनमोल रत्न बताया, जिसने नौसेना के साथ-साथ अन्य वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए विभिन्न क्षमताओं को विकसित करके देश की अर्थव्यवस्था एवं सुरक्षा में बहुत बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने देश के सबसे बड़े शिपयार्ड होने, भारतीय नौसेना की अधिकांश संपत्तियों के निर्माण के माध्यम से अपना योगदान देने, एक बड़े निर्यात बाजार और विदेशी व्यवसायियों के साथ सहयोग के लिए मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड की सराहना की।
अरमाने ने जोर देकर कहा कि भारत की हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है, इसलिए भारत की जहाज निर्माण क्षमताओं को सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने आज के समय में आत्मनिर्भरता हासिल करने के महत्व को उजागर किया। रक्षा सचिव ने अरब सागर में भारतीय अभियानों सहित पूरे क्षेत्र में निभाई जा रही नौसेना की प्रमुख भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भू-राजनीतिक परिदृश्य ऐसा है कि भारत की नौसेना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेगी, जिसके लिए जहाज निर्माताओं को काफी योगदान देना होगा।
(इनपुट- हिन्दुस्थान समाचार)