प्रतिक्रिया | Friday, October 18, 2024

विदेश मंत्रालय ने भारत विरोधी तत्वों पर “कथनी और कार्रवाई के बीच अंतर” के लिए ट्रूडो की आलोचना की

भारत और कनाडा के बीच चलते तनाव के बीच विदेश मंत्रालय का जवाब आया है। भारत ने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो एक तरफ एक भारत नीति का समर्थन करते हैं वहीं दूसरी ओर भारत विरोधी तत्वों पर हमारे अनुरोध के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। यह स्पष्ट रूप से उनकी कथनी और करनी में अंतर को दर्शाता है।

26 प्रत्यर्पण के अनुरोध कनाडा के पास लंबित
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को साप्ताहिक पत्रकार वार्ता में कहा कि पिछले एक दशक के दौरान 26 प्रत्यर्पण के अनुरोध कनाडा के पास लंबित पड़े हैं। इसके अलावा कुछ गिरफ्तारियों की मांग भी लंबित हैं। अभी तक कनाडा की सरकार की ओर से हमारे अनुरोधों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इनमें गुरजीत सिंह, गुरजिंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह, लखबीर सिंह और अर्शदीप सिंह प्रमुख नाम हैं। उन्होंने कहा कि भारत की ओर से कनाडा को कई मौकों पर सुरक्षा संबंधी जानकारी साझा की गई है। इसमें लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्यों के बारे में भी जानकारी है लेकिन कनाडा सरकार ने हमारे इन अनुरोधों पर कोई कार्रवाई नहीं की।

आरोपों को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं
प्रवक्ता ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि जिन लोगों के प्रत्यर्पण और कार्रवाई की मांग की गई थी अब वहां की रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस उन्हीं लोगों के वहां हुए अपराधों के लिए भारत पर आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा कि कनाडा सरकार सितंबर 2023 से लगातार भारत पर आरोप लगा रही है लेकिन अभी तक उसकी ओर से कोई ठोस सबूत नहीं दिया गया है। कल हुई सार्वजनिक सुनवाई में भी हमने यह देखा कि प्रधानमंत्री ट्रूडो ने स्वीकारा है कि उनके आरोपों को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं हैं। हम भारतीय राजदूत पर लगाए गए झूठे आरोपों का खंडन करते हैं। प्रवक्ता ने बताया कि भारत ने अपने उच्चायुक्त एवं अन्य राजनयिकों को कनाडा के निष्कासित करने से पहले ही वापस बुला लिया था। कुछ कारणों की वजह से हम इन राजनयिकों का नाम सार्वजनिक नहीं कर सकते।

कॉपीराइट © 2024 न्यूज़ ऑन एयर। सर्वाधिकार सुरक्षित
आगंतुकों: 9688212
आखरी अपडेट: 18th Oct 2024