भारतीय अर्थव्यवस्था का शानदार प्रदर्शन लगातार जारी है। जी हां, देश और दुनिया की ज्यादातर रेटिंग एजेंसियां ने भारत की ग्रोथ रेट के अपने अनुमान में बदलाव करते हुए उसे बढ़ाया भी है।
अब इसी क्रम में रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) के सदस्य शशांक भिडे का बयान सामने आया है। उनका कहना है कि अनुकूल मानसून, उच्च कृषि उत्पादकता और बेहतर वैश्विक व्यापार की बदौलत भारत मौजूदा वित्त वर्ष और उसके बाद भी 7 फीसदी ग्रोथ रेट को बनाए रख सकता है।
2023-24 में भारत ने मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में किया अच्छा प्रदर्शन
ज्ञात हो, बीते वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भारत ने मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में काफी अच्छा प्रदर्शन किया जिसकी वजह से भारत की ग्रोथ रेट करीब 8 फीसदी रहने का अनुमान है। भिडे ने यह भी कहा कि वैश्विक मांग में सुधार की रफ्तार काफी सुस्त है। साथ ही सप्लाई चेन के साथ भी दिक्कत है।
डिमांड-सप्लाई का समीकरण
ऐसे में यदि मौजूदा भू-राजनीतिक दबाव जल्द ही कम नहीं हुआ तो इससे डिमांड-सप्लाई का समीकरण बिगड़ सकता है और उससे कीमतें बढ़ने का जोखिम भी रहेगा। कई बार बाढ़ या सूखे जैसे कुदरती आपदाओं से भी कृषि उत्पादन प्रभावित होता है। हमें इनका प्रभाव कम करने की तैयारी भी करनी होगी।
भारत की जीडीपी ग्रोथ आगे भी 7 फीसदी बरकरार रहने की उम्मीद
पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने घरेलू मांग की स्थिति और बढ़ती कामकाजी उम्र का हवाला देते हुए वर्ष 2024 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को बढ़ाकर 6.8 फीसदी कर दिया था। इसके अलावा एशियाई विकास बैंक यानी एडीपी ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ अनुमान बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया था।