सैन्य इंजीनियर सेवा ((MES)) के प्रशिक्षु अधिकारियों ने शुक्रवार (3 नवंबर) को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित किया। एमईएस अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि एक इंजीनियर की भूमिका सिर्फ गणना, डिजाइनिंग और निर्माण तक सीमित नहीं है। यह बहुत व्यापक है और इसमें समुदायों को जोड़ना, सपनों को साकार करना और भविष्य को आकार देना शामिल है। उन्होंने युवा अधिकारियों से कहा कि उनके पास ऐसा बुनियादी ढांचा तैयार करने की शक्ति है जो मजबूत और टिकाऊ हो।
पर्यावरणीय चुनौतियों और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों के बारे में बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि यह एमईएस अधिकारियों का कर्तव्य है कि वे ऐसी संरचनाओं का डिजाइन और निर्माण करें जो पर्यावरण के अनुकूल, टिकाऊ हों और नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते उपयोग को बढ़ावा दें। ग्रीन इंजीनियरिंग समय की मांग है। उन्होंने विश्वास जताया कि एमईएस के युवा अधिकारी नए विचार, नई ऊर्जा और भरपूर उत्साह लाकर इन प्रयासों को और आगे बढ़ाएंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि सभी क्षेत्रों, विशेषकर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नवीनतम और उन्नत टेक्नोलॉजी का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने एमईएस अधिकारियों को गतिशील विकास में सबसे आगे रहने की सलाह दी ।
द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि ऐसे समय में जब हमारा देश वैश्विक स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में नए मानक स्थापित कर रहा है, उन्हें इस बात पर गर्व होना चाहिए कि वे उस सेवा का हिस्सा हैं जो देश और उसके सशस्त्र बलों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है और राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर हो रहे परिवर्तनों के अनुसार खुद को ढाल रही है।