सर्दी के बाद अब गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। बदलते मौसम के बाद मौसम विभाग ने देश में आगामी दो-ढाई महीनों में अत्यधिक गर्मी पड़ने की संभावना जताई है। नई दिल्ली में केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने एक बैठक की। उन्होंने कहा कि अत्यधिक गर्मी के बीच आम चुनावों को देखते हुए राज्य सरकारों सहित सभी पक्षों ने इस संबंध में व्यापक तैयारी की है।
अगले तीन महीनों का पूर्वानुमान जारी
वहीं मौसम विभाग का कहना है कि इस बार ग्रीष्म ऋतु में अप्रैल से जून के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान रहेगा और ज्यादा दिन लू चलेगी। मौसम विभाग ने सोमवार को अगले तीन महीनों को पूर्वानुमान जारी किया। इसमें कहा गया है कि गर्मी के मौसम के दौरान दक्षिण प्रायद्वीप, मध्य भारत, पूर्वी भारत और उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक उष्ण लहर वाले दिन होने की संभावना है।
हीटवेव स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों को के लिए जोखिम
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि उष्ण लहर/हीटवेव बुजुर्गों, बच्चों और स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों को अधिक जोखिम पैदा करता है। गर्मी से संबंधित बीमारियों जैसे थकावट, लू लगना और हीटस्ट्रोक के प्रति अधिक संवेदनशील रहने की जरूरत है। इसके अतिरिक्त अत्यधिक गर्मी के लंबे समय तक रहने से निर्जलीकरण हो सकता है और बिजली ग्रिड और परिवहन प्रणालियों जैसे बुनियादी ढांचे पर दबाव पड़ सकता है।
कई इलाकों में दो से आठ दिनों तक लू चलने का अनुमान
विभाग के अनुसार मध्य भारत, उत्तरी मैदानी इलाकों और दक्षिण भारत के कई इलाकों में दो से आठ दिनों तक लू चलने का अनुमान है। इस संबंध में 23 राज्यों ने गर्मी की लहर के कारण किसी भी स्थिति से निपटने के लिए कार्य योजनाएं तैयार की हैं। मौसम विभाग ने बताया कि 7 अप्रैल तक पूर्वोत्तर भारत में भारी वर्षा/तूफान की गतिविधि जारी रहने की संभावना है। हालांकि 3 से 5 अप्रैल के दौरान मध्य और प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों में लू की स्थिति बने रहने की संभावना है।