केंद्रीय खान मंत्रालय ने बेंगलरु में ग्रेनाइट और संगमरमर खनन पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। खान सचिव वीएल कांता राव ने इस कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए लघु खनिज क्षेत्र में सुधार के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सामूहिक पहल पर जोर दिया। इस दौरान उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने एनजीडीआर (राष्ट्रीय भू-डेटा रिपॉजिटरी) पोर्टल के माध्यम से अन्वेषण पर व्यापक डेटा और सूचना उपलब्ध कराई है, जिससे सभी हितधारकों के लिए डेटा तक पहुंच सुगम हो गई है। केंद्रीय एजेंसियों से एकत्रित आंकड़ों पर आधारित इस पहल का उद्देश्य खनन क्षेत्र में पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ाना है।
खान मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में बताया कि कर्नाटक के बेंगलुरु में ग्रेनाइट और संगमरमर खनन पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। इस दौरान खान सचिव ने खनन क्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों और सुधारों को रेखांकित किया। उन्होंने राज्य सरकारों से लघु खनिज क्षेत्र में भी ऐसे सुधार करने का अनुरोध किया।
खान सचिव ने कहा कि केंद्र ने ‘नेशनल जियो-डेटा रिपोजिटरी’ मंच के जरिए व्यापक डेटा और अन्वेषण संबंधी जानकारी उपलब्ध कराई है, जिससे सभी हितधारकों के लिए डेटा तक पहुंच आसान हो गई है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों से एकत्रित आंकड़ों पर आधारित इस पहल का उद्देश्य खनन क्षेत्र में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाना है। इस अवसर पर मौजूद कर्नाटक सरकार की अतिरिक्त मुख्य सचिव और विकास आयुक्त डॉ. शालिनी रजनीश ने ग्रेनाइट एवं संगमरमर खनन क्षेत्र में प्रशासनिक, प्रौद्योगिकी और अन्य मुद्दों का समाधान खोजने के लिए सरकार तथा उद्योग के बीच सहयोग के महत्व पर बल दिया।
इस कार्यशाला में केंद्रीय खान मंत्रालय की संयुक्त सचिव डॉ. वीना कुमारी डी, कर्नाटक के खान एवं भूविज्ञान सचिव रिचर्ड विंसेंट, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण बेंगलुरु के वरिष्ठ पदाधिकारी; आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु के खनन और भूविज्ञान निदेशालय; सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, निजी खनन उद्योग के प्रतिनिधि, खनन संघ और अन्य हितधारक शामिल हुए।