चालू वित्त वर्ष 2024-25 में लोगों के लिए नई आयकर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि, व्यक्तिगत करदाता अपना आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करते समय इस व्यवस्था से बाहर निकलने का विकल्प चुन सकते हैं। यह बयान वित्त मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी किया गया।
मंत्रालय ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये दी जरूरी जानकारी
इस संबंध में मंत्रालय की ओर से ‘एक्स’ पोस्ट पर जारी बयान में यह स्पष्टीकरण सोशल मीडिया मंच पर जारी उन सूचनाओं के बाद आया है, जिसमें एक अप्रैल, 2024 से प्रभावी नई कर व्यवस्था में कुछ बदलावों का दावा किया गया है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि एक अप्रैल, 2024 से कोई नया बदलाव नहीं किया गया है। मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर नई कर व्यवस्था के संबंध में दी जा रही सूचनाओं को भ्रामक बताते हुए इनका खंडन किया है।
https://x.com/FinMinIndia/status/1774504330499879372?s=20
नई आयकर व्यवस्था ‘डिफॉल्ट’ कर व्यवस्था है
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि नई आयकर व्यवस्था ‘डिफॉल्ट’ कर व्यवस्था है। हालांकि, करदाता उस आयकर व्यवस्था (पुरानी या नई) को चुन सकते हैं, जो उन्हें लगता है कि उनके लिए फायदेमंद है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक नई कर व्यवस्था से बाहर निकलने का विकल्प वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आईटीआर दाखिल करने तक उपलब्ध है।
2023-24 में लागू की गई थी एक संशोधित नई कर व्यवस्था
उल्लेखनीय है कि एक अप्रैल, 2023 से शुरू हुए वित्त वर्ष 2023-24 में लोगों के लिए एक संशोधित नई कर व्यवस्था लागू की गई थी, जिसके तहत कर दरें ‘‘बहुत कम’’ हैं। नई कर व्यवस्था में पुरानी आयकर व्यवस्था की तरह विभिन्न छूट तथा अन्य कटौती (वेतन से 50 हजार रुपये और पारिवारिक पेंशन से 15 हजार रुपये की मानक कटौती के अलावा) का लाभ मौजूद नहीं है।