प्रतिक्रिया | Sunday, September 07, 2025

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने दवा और रिसर्च नियमों में बड़े सुधार का खाका पेश किया

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के निर्देशों के अनुरूप नियामकीय अनुपालनों को कम करने और Ease of Doing Business को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने न्यू ड्रग्स एंड क्लीनिकल ट्रायल्स (NDCT) रूल्स, 2019 में संशोधन का प्रस्ताव रखा है। इन संशोधनों की अधिसूचना 28 अगस्त 2025 को गजट ऑफ इंडिया में प्रकाशित की गई है और अब इस पर सार्वजनिक सुझाव आमंत्रित किए जा रहे हैं।

मुख्य प्रस्तावित बदलाव

  1. टेस्ट लाइसेंस आवेदन मौजूदा लाइसेंस प्रणाली को सूचना/अधिसूचना प्रणाली में बदला जाएगा। उच्च-जोखिम श्रेणी की दवाओं को छोड़कर, अन्य आवेदकों को लाइसेंस की प्रतीक्षा नहीं करनी होगी। प्रोसेसिंग का समय 90 दिन से घटाकर 45 दिन किया जाएगा।
  2.  बायोएवलेबिलिटी/बायोइक्विवेलेंस (BA/BE) अध्ययन आवेदन कुछ श्रेणियों के अध्ययन के लिए लाइसेंस की आवश्यकता समाप्त होगी।केवल सूचना देकर ही अध्ययन प्रारंभ किया जा सकेगा।

अनुसंधान और दवा परीक्षण तेजी से शुरू हो सकेंगे

लाइसेंस आवेदनों की संख्या में लगभग 50% की कमी होगी। अनुसंधान और दवा परीक्षण तेजी से शुरू हो सकेंगे। दवा विकास और अनुमोदन प्रक्रियाओं में देरी कम होगी। CDSCO अपने मानव संसाधनों का अधिक कुशल उपयोग कर पाएगा और नियामकीय निगरानी और प्रभावी होगी।

भारत को ग्लोबल रिसर्च हब बनाने की दिशा में अहम कदम

यह पहल भारतीय फार्मा उद्योग को गति देने के साथ ही भारत को क्लीनिकल रिसर्च के लिए और अधिक आकर्षक बनाएगी। सरकार का यह कदम वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप घरेलू नियमों को ढालने और भारत को फार्मास्यूटिकल रिसर्च एवं डेवलपमेंट का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

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आखरी अपडेट: 7th Sep 2025