दत्तक ग्रहण जागरूकता माह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का एक वार्षिक कार्यक्रम है जहां सीएआरए और उसके सभी हितधारक गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक साथ आते हैं। केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (सीएआरए), महिला एवं बाल विकास मंत्रालय देश में कानूनी गोद लेने को बढ़ावा देने के लिए नवंबर माह को राष्ट्रीय दत्तक ग्रहण जागरूकता माह के रूप में मनाता है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार, 21 नवंबर 2024 को इस अभियान के अवसर पर उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जश्न मनाएगी। दत्तक ग्रहण जागरूकता माह 2024 का विषय “देखदेख और पालन-पोषण की भावना द्वारा बड़े बच्चों का पुनर्वास” है।
अधिक उम्र के बच्चों को गोद लेने पर दिया जोर
केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (सीएआरए) ने गोद लेने से संबंधित मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए अन्य कार्यक्रमों के साथ-साथ एक बड़े अभियान की योजना बनाई है, जिसमें उन बच्चों को गोद लेने पर जोर दिया जाएगा जो अधिक उम्र के हैं, जिनकी विशेष आवश्यकताएं हैं।
जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान शुरू
पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष का अभियान भी जागरूकता बढ़ाने के लिए दोनों रूपों ऑफ़लाइन और ऑनलाइन गतिविधियों में विभाजित है। लद्दाख, असम, मिजोरम, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा, पश्चिम बंगाल और कई अन्य राज्य इस वर्ष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहे हैं।
दत्तक माता-पिता देखभाल पर अपने अनुभव करेंगे साझा
भावी दत्तक माता-पिता (पीएपी), दत्तक माता-पिता, वृद्ध दत्तक ग्रहणकर्ता और अन्य हितधारक एक-दूसरे के साथ बातचीत करेंगे और गोद लेने, देखभाल पर अपने अनुभव और सुझाव साझा करेंगे। संवादमूलक सत्र, सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रतियोगिताएं और पीएपी तथा हितधारकों के साथ प्रश्नोत्तरी इस मेगा अभियान के कुछ महत्वपूर्ण आकर्षण हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का भी लिया जा रहा सहारा
मायगोव इंडिया प्लेटफॉर्म के सहयोग से सीएआरए ऑनलाइन आयोजनों के लिए एक विशेष अभियान शुरू कर रहा है। सीएआरए बड़े पैमाने पर जनता को शामिल करने और गोद लेने को बढ़ावा देने के बारे में जानकारी प्रसारित करने के लिए मायगोव पोर्टल के माध्यम से कहानी वाचन, पोस्टर निर्माण, नारा एवं प्रतिज्ञा सृजन तथा ऑनलाइन सर्वेक्षण जैसी गतिविधियां आयोजित कर रहा है। सीएआरए कानूनी गोद लेने, पालन-पोषण और गोद लेने के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर सूचनात्मक सामग्री भी पोस्ट करता है।