प्रतिक्रिया | Monday, December 23, 2024

  • Twitter
  • Facebook
  • YouTube
  • Instagram

‘मिशन कर्मयोगी’ ने लोक सेवकों को आधुनिक शासन की चुनौतियों का सामना करने के लिए सशक्त बनाया 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 अक्टूबर, 2024 को नई दिल्ली में कर्मयोगी सप्ताह (राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह) का शुभारंभ किया। जैसे-जैसे राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह (एनएलडब्ल्यू) आगे बढ़ रहा है, भारत और विश्व के अग्रणी लोग ज्ञान और विकास की सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए उत्साही भारतीय शिक्षार्थियों के साथ एकजुट हो रहे हैं। मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत इस पहल ने लोक सेवकों को आधुनिक शासन की चुनौतियों का सामना करने के लिए सशक्त बनाया है।

राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह के प्रथम चार दिनों की प्रमुख उपलब्धियां

मात्र चार दिनों में iGOT प्लेटफॉर्म पर 7,50,000 से अधिक पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक पूरे किए गए हैं जो निरंतर सीखने और पेशेवर विकास के लिए की जा रही कोशिशों को प्रतिबिंबित करता है। इस कार्यक्रम में बढ़ रही भागीदारी, कौशल विकास और सार्वजनिक सेवा में मांगों के अनुरूप आगे रहने की लोक सेवकों की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

33 मंत्रालयों ने ‘सामूहिक चर्चा’ में भाग लिया

मुख्य आकर्षण, सहयोग और सामूहिक शिक्षा को बढ़ावा देते हुए 33 मंत्रालयों की भागीदारी में हुई ‘सामूहिक चर्चा’ थी। यह सामूहिक चर्चा प्रधानमंत्री कार्यालय में भी आयोजित की गई जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया। कार्यक्रम में उन्नत तकनीकों का लाभ उठाकर अधिक चुस्त व उत्तरदायी प्रशासन सुनिश्चित करने के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के दृष्टिकोण पर बल दिया गया। सत्र में राष्ट्र की प्रगति को निरंतरता देने में साझा ज्ञान के महत्व पर भी जोर दिया गया।

 दूरदर्शी वक्ताओं ने परिवर्तनकारी वेबिनार प्रस्तुत किए

नंदन नीलेकणी, राघव कृष्ण और पुनीत चंडोक जैसे प्रभावशाली विचारकों ने महत्वपूर्ण विषयों पर वैश्विक दृष्टिकोण साझा करते हुए प्रेरक वेबिनार प्रस्तुत किए। इन सत्रों ने नए विचारों को जन्म दिया और भारतीय प्रशासनिक परिदृश्य की जटिलताओं से निपटने के लिए अभिनव दृष्टिकोण प्रस्तुत किए।

यह राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह लोक सेवकों या ‘कर्मयोगियों’ को उन कौशलों से समृद्ध करने के लिए समर्पित है जिनकी उन्हें एक उज्ज्‍वल और अधिक सशक्त भारत बनाने के लिए आवश्यकता है। लोक सेवक हमेशा सीखने को तत्पर रहकर अधिक गतिशील, प्रभावी और दूरदर्शी शासन ढांचे में अपना योगदान देते हैं। कर्मचारी से “कर्मयोगी” बनने तक की यात्रा, निरंतर विकास, परिवर्तन और राष्ट्र सेवा के लिए प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

आगंतुकों: 13470980
आखरी अपडेट: 22nd Dec 2024