देश आज शुक्रवार को चौथा जनजातीय गौरव दिवस मना रहा है। भावी पीढ़ियों को आदिवासी और उनके नायकों के बलिदान को लेकर जागरूक करने के लिए 2021 में बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया गया। 2011 की जनगणना के मुताबिक अनुसूचित जनजाति (एसटी) की आबादी 10.45 करोड़ या कुल आबादी का लगभग 8.6% है। ये समुदाय, जिनमें 705 से अधिक अलग-अलग समूह शामिल हैं, देश दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में रहते हैं। भारत सरकार ने इन आदिवासी समुदायों की सहायता और समर्थन करने के लिए सतत विकास, सांस्कृतिक संरक्षण और सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण पर ध्यान देने के साथ उनके उत्थान के उद्देश्य से विभिन्न योजनाएं और नीतियां शुरू की हैं। पिछले 10 सालों में प्रधानमंत्री मोदी के “सबका साथ – सबका विकास” की नीतियों पर चलते हुए भारत सरकार ने जनजातीय समुदाय को देश की मुख्यधारा में जोड़ने और उनका विकास करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
जनजातीय विकास के लिए 41 मंत्रालयों द्वारा 214 योजनाएं
वर्तमान में भारत सरकार के 41 मंत्रालय/विभागों के द्वारा जनजातीय विकास के लिए 214 योजनाएं चलाई जा रही है जो अपने आप में सरकार की इस समुदाय के विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
6 साल में 5 लाख करोड़ से अधिक का आवंटन
केंद्र सरकार ने जनजातीय विकास को सुनिश्चित करने के लिए पिछले 6 सालों के दौरान यानी 2019 – 20 से 2024 – 25 के बजट आवंटन में एसटीसी निधि के तहत 5,17,000 करोड़ रूपये से कई अधिक का आवंटन किया गया।
10 वर्षों में जनजातीय कार्य मंत्रालय के लिए आवंटित बजट
2015 – 16 = 4495 करोड़
2016 – 17 = 4822 करोड़
2017 – 18 = 5318 करोड़
2018 – 19 = 5995 करोड़
2019 – 20 = 7328 करोड़
2020 – 21 = 5495 करोड़
2021 – 22 = 6174 करोड़
2022 – 23 = 7301 करोड़ (आरई)
2023 – 24 = 12462 करोड़ (बीई)
2024 – 25 = 13000 करोड़ (यूबी)
10 वर्षों में 18000 करोड़ से अधिक की छात्रवृति
मोदी सरकार में 30 लाख से अधिक आदिवासी छात्रों को हर साल मंत्रालय के तहत विभिन्न छात्रवृत्तियां मिलती हैं। 2014 से मार्च 2024 तक 10 वर्षों में मंत्रालय के तहत 18,000 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति वितरित की गई हैं। जनजातीय समुदाय के लिए प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत 2019- 20 से 2023-24 के तहत 12000 करोड़ से अधिक राशि जारी की गई है।
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय योजना के बजट आवंटन में 22 गुना बढ़ोतरी
केन्द्र में एनडीए सरकार बनने के बाद से एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) योजना का बजट आवंटन पिछले 10 वर्षों में 22 गुना उछाल के साथ 2024 – 25 के बजट के तहत 6399 करोड़ रूपये हो गया है। पिछले 10 वर्षों में भारत सरकार के कुछ अन्य कदम जिनसे जनजातीय विकास सुनिश्चित हुआ।
1. 85 से अधिक लघु वन उत्पादों को न्यूनतम उचित मूल्य (एमएफपी) में शामिल किया गया है।
2. वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत कुल भूमि कवरेज 2023-24 तक तीन गुना बढ़कर 181 लाख एकड़ हो गई है, जबकि 2013-14 में यह 55 लाख एकड़ थी।
3. पीएम आदि आदर्श ग्राम योजना के तहत 14,000 से अधिक स्वीकृत ग्रामीण विकास योजनाओं के लिए 2216 करोड़ रुपये से अधिक पिछले 3 वर्षों में जारी किए गए हैं।
4. पिछले दशक में स्वच्छ भारत मिशन के तहत आदिवासी बहुल क्षेत्रों में 148 लाख से अधिक शौचालय बनाए गए और 2.55 लाख आंगनबाड़ी स्थापित की गईं।
5. सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के तहत 1 करोड़ से अधिक आदिवासियों की जांच की गई। अगले तीन वर्षों में इस बीमारी की अधिकता वाले क्षेत्रों में 7 करोड़ आदिवासियों की जांच का लक्ष्य रखा गया है।
6. पिछले 10 वर्षों में, आदिवासी परिवारों को 23 लाख से अधिक पट्टे जारी किए गए हैं।
पिछले कुछ वर्षों में जनजातीय विकास के लिए मोदी सरकार द्वारा किए गए मुख्य कार्य
2024
1. पीएम मोदी ने 2 अक्टूबर 2024 को ₹79,150 करोड़ से अधिक का धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान शुरू किया।
2. प्रधानमंत्री ने 40 एकलव्य विद्यालयों का उद्घाटन किया और 25 नए ईएमआरएस की आधारशिला रखी, जिनकी लागत लगभग 2,834 करोड़ रुपये होगी।
3. जनजातीय कार्य मंत्रालय का बजट परिव्यय 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में 73.60 प्रतिशत बढ़कर लगभग 13,000 करोड़ रुपये हुआ
2023
1. प्रधानमंत्री ने जनजातीय गौरव दिवस पर लगभग 24,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान पीएम-जनमन का शुभारंभ किया।
2. प्रधानमंत्री ने 2047 तक देश से सिकल सेल एनीमिया बीमारी को खत्म करने के उद्देश्य से नेशनल सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन शुरू किया।
3. पीएम मोदी ने नई दिल्ली में मेजर ध्यान चंद नेशनल स्टेडियम में आदी महोत्सव का उद्घाटन किया; 9 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 29 पीवीटीजी शामिल हुए; महोत्सव में 3 करोड़ रुपये से अधिक के आदिवासी उत्पादों की बिक्री हुई।
4. जनजातीय कार्य मंत्रालय ने 1 अप्रैल, 2023 से 27 दिसंबर, 2023 तक 32.22 लाख आदिवासी छात्रों को डीबीटी के जरिए छात्रवृत्ति प्रदान किए।
2022
1. जनजातीय कार्य मंत्रालय ने 1 अप्रैल 2022 से 31 दिसंबर 2022 तक डीबीटी के माध्यम से 26.37 लाख जनजातीय छात्रों को छात्रवृत्ति संवितरित की।
2. नई दिल्ली में राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन।
3. प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना ( पीएमएएजीवाई ) में समेकित विकास के लिए 16554 जनजातीय गांवों को कवर किया गया।
2021
1. मंत्रिमंडल ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित करने की मंजूरी दी।
2. प्रधानमंत्री द्वारा झारखंड में भगवान बिरसा मुंडा संग्रहालय का उद्घाटन।
3. आजादी का अमृत महोत्सव के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर 50 नए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की आधारशिला रखी।
2020
1. 2020 के दौरान लघु वनोपज (एमएफपी) के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की योजना का विस्तार और मौजूदा वस्तुओं के एमएसपी में वृद्धि।
2. जनजातीय कार्य मंत्रालय ने फेसबुक के साथ साझेदारी में पूरे भारत में जनजातीय युवाओं के डिजिटल कौशल विकास के लिए ‘गोल’ कार्यक्रम शुरू किया।
3. जनजातीय कार्य मंत्रालय ने जनजातीय स्वास्थ्य एवं पोषण पोर्टल – ‘स्वास्थ्य’ लॉन्च किया।
4. भुवनेश्वर में ‘अनुसूचित जनजाति पीआरआई प्रतिनिधियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम’ और ‘1000 स्प्रिंग्स पहल’ का शुभारंभ।
2019
1. प्रधानमंत्री वन-धन योजना के अंतर्गत 676 वन-धन केन्द्र स्थापित करने के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये की मंजूरी।
2. एमएसपी तथा एमएफपी के लिए मूल्य श्रृंखला के माध्यम से छोटे वन उत्पाद की संख्या 23 से 49 की गई।
3. एमएसपी तथा एमएफपी के लिए मूल्य श्रृंखला के माध्यम से छोटे वन उत्पाद की संख्या 23 से 49 की गई।
4. जनजातीय कार्य मंत्रालय मैट्रिक पश्चात् छात्रवृत्ति के लिए डीबीटी पोर्टल विकसित करने वाला पहला मंत्रालय बना।
2018
1. लगभग 5 करोड़ आदिवासी लोगों की आय और आजीविका में सुधार के लिए प्रधानमंत्री द्वारा वन धन योजना का शुभारंभ।
2. सरकार ने ईएमआरएस स्थापित करने की योजना को नया रूप देने और विस्तार देने के लिए महत्वपूर्ण उपायों की घोषणा की।