मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र एक जुलाई से शुरू होगा, जो 19 जुलाई तक चलेगा। इस 19 दिवसीय सत्र में कुल 14 बैठकें होंगी। इस सत्र में डॉ. मोहन यादव यादव सरकार अपना पहला पूर्ण बजट पेश प्रस्तुत करेगी। यह प्रदेश की सोलहवीं विधानसभा का तृतीय सत्र होगा। बजट साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के बीच हुई चर्चा के बाद गुरुवार को विधानसभा सचिवालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। दरअसल, लोकसभा चुनाव के चलते राज्य सरकार ने बजट पेश नहीं किया था। इसीलिए इस बार मानसून सत्र में बजट पेश किया जाएगा। यह साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है। इस सत्र में बजट और अनुदान मांगों पर चर्चा के साथ सरकार आधा दर्जन विधेयक भी विधानसभा में मंजूरी के लिए लाएगी।
प्रदेश सरकार ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए फरवरी में बजट सत्र के दौरान एक लाख 45 हजार करोड़ रुपये अधिक का लेखानुदान प्रस्तुत किया था। इसमें विभागों के लिए 31 जुलाई तक आवश्यक व्यय के लिए बजट आवंटित किया है। अब 31 जुलाई के पहले बजट विधानसभा से पारित कराकर राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अनुमोदन से उसे अधिसूचित करना है। इसे देखते हुए मानसून सत्र एक जुलाई से बुलाया गया है। विधानसभा सचिवालय द्वारा गुरुवार को इसकी सूचना जारी की गई है। 19 जुलाई तक चलने वाले इस सत्र में अशासकीय कार्य के लिए तीन शुक्रवार मिलेंगे। इसमें विधायक अशासकीय संकल्प प्रस्तुत कर सकेंगे। नगरीय विकास एवं आवास, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी समेत कुछ विभाग संशोधन विधेयक प्रस्तुत करेंगे।
विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों का कहना है कि बजट जुलाई के प्रथम सप्ताह में प्रस्तुत किया जाएगा। विभागीय बजट अनुमानों पर चर्चा के बाद विनियोग विधेयक पारित कर विधि एवं विधायी विभाग के माध्यम से राज्यपाल की अनुमति के लिए भेजा जाएगा। बजट भाषण के माध्यम से सरकार अपनी उपलब्धियां गिनाएगी। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय इन्वेस्टर समिट का नवाचार करने से लेकर हितग्राहीमूलक योजनाओं के क्रियान्वयन का उल्लेख किया जाएगा। इसके लिए विभागों से 10 जून तक जानकारी देने के लिए कहा गया है।