प्रतिक्रिया | Sunday, November 17, 2024

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09/07/24 | 12:04 pm

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असम में 3100 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित, NDRF और SDRF की टीमों ने 218 लोगों को बचाया

असम में लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति और खराब हो गई है। असम में आई विनाशकारी बाढ़ में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में छह गैंडों सहित 137 जंगली जानवर मारे गए हैं। इस बीच, पार्क के अधिकारियों ने दो गैंडे के बच्चे और दो हाथी के बच्चे सहित 99 जानवरों को बचाने में कामयाबी हासिल की है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की फील्ड डायरेक्टर सोनाली घोष ने बताया कि बाढ़ के पानी में डूबने से 104 हॉग डियर, 6 गैंडे और 2 सांभर की मौत हो गई, जबकि 2 हॉग डियर की मौत वाहन की चपेट में आने से हुई, एक ऊदबिलाव (शिशु) की मौत अन्य कारणों से हुई और 22 जानवरों की देखभाल के दौरान मौत हो गई। उल्लेखनीय है, राज्य भर में 91 राजस्व मंडलों के तीन हजार एक सौ से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और उन्‍नचास हजार हेक्टेयर से अधिक फसल क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने कल (8 जुलाई) दो सौ 18 लोगों को बचाया।

सोनाली घोष ने कहा, “अब तक हमने दो गैंडे, दो हाथी, 84 हॉग डियर, 3 स्वैम्प डियर, 2 सांभर सहित 99 जानवरों को बचाया है।” पार्क में 233 शिविरों में से 70 वन शिविर अभी भी पानी में डूबे हुए हैं। असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है, सोमवार को असम बाढ़ में 6 और लोगों की मौत हो गई, जिससे 8 जुलाई, 2024 तक कुल मरने वालों की संख्या 72 हो गई। राज्य में 28 जिलों में 27.74 लाख से अधिक लोग अभी भी बाढ़ से प्रभावित हैं।

बाढ़ प्रभावित जिले हैं- ग्वालपाड़ा, नागांव, नलबाड़ी, कामरूप, मोरीगांव, डिब्रूगढ़, सोनितपुर, लखीमपुर, दक्षिण सलमारा, धुबरी, जोरहाट, चराईदेव, होजई, करीमगंज, शिवसागर, बोंगाईगांव, बारपेटा, धेमाजी, हैलाकांडी, गोलाघाट, दरांग, बिस्वनाथ, कछार, कामरूप (एम), तिनसुकिया, कार्बी आंगलोंग, चिरांग, कार्बी आंगलोंग पश्चिम और माजुली।

गौरतलब है, राज्य भर में 91 राजस्व मंडलों के तीन हजार एक सौ से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और उन्‍नचास हजार हेक्टेयर से अधिक फसल क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने कल (8 जुलाई) दो सौ 18 लोगों को बचाया। ब्रह्मपुत्र, बराक और उनकी सभी सहायक नदियाँ खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं। बता दें, बाढ़ के कारण कल एक सौ 27 सड़कों और दो पुलों के अलावा अन्य बुनियादी ढांचे को भी नुकसान पहुंचा। राज्य सरकार ने दो सौ 45 राहत शिविर और दो सो 98 राहत वितरण केंद्र खोले हैं। 53 हजार से ज्यादा लोग राहत शिविरों में हैं

वहीं दूसरी ओर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं, स्थानीय प्रशासन, भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों की बचाव टीमें राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में बचाव कार्यों में लगी हुई हैं। पिछले एक महीने में असम में आई भीषण बाढ़ की वजह से कई लोगों की जान चली गई, बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा, सड़कें बंद हो गईं, फसलें नष्ट हो गईं और पशुधन की हानि हुई। बाढ़ की वजह से सैकड़ों लोग बेघर और परेशान हो गए हैं।

(Input from ANI, AIR)

असम में 3100 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित, NDRF और SDRF की टीमों ने 218 लोगों को बचाया

असम में लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति और खराब हो गई है। असम में आई विनाशकारी बाढ़ में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में छह गैंडों सहित 137 जंगली जानवर मारे गए हैं। इस बीच, पार्क के अधिकारियों ने दो गैंडे के बच्चे और दो हाथी के बच्चे सहित 99 जानवरों को बचाने में कामयाबी हासिल की है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की फील्ड डायरेक्टर सोनाली घोष ने बताया कि बाढ़ के पानी में डूबने से 104 हॉग डियर, 6 गैंडे और 2 सांभर की मौत हो गई, जबकि 2 हॉग डियर की मौत वाहन की चपेट में आने से हुई, एक ऊदबिलाव (शिशु) की मौत अन्य कारणों से हुई और 22 जानवरों की देखभाल के दौरान मौत हो गई। उल्लेखनीय है, राज्य भर में 91 राजस्व मंडलों के तीन हजार एक सौ से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और उन्‍नचास हजार हेक्टेयर से अधिक फसल क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने कल (8 जुलाई) दो सौ 18 लोगों को बचाया।

सोनाली घोष ने कहा, “अब तक हमने दो गैंडे, दो हाथी, 84 हॉग डियर, 3 स्वैम्प डियर, 2 सांभर सहित 99 जानवरों को बचाया है।” पार्क में 233 शिविरों में से 70 वन शिविर अभी भी पानी में डूबे हुए हैं। असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है, सोमवार को असम बाढ़ में 6 और लोगों की मौत हो गई, जिससे 8 जुलाई, 2024 तक कुल मरने वालों की संख्या 72 हो गई। राज्य में 28 जिलों में 27.74 लाख से अधिक लोग अभी भी बाढ़ से प्रभावित हैं।

बाढ़ प्रभावित जिले हैं- ग्वालपाड़ा, नागांव, नलबाड़ी, कामरूप, मोरीगांव, डिब्रूगढ़, सोनितपुर, लखीमपुर, दक्षिण सलमारा, धुबरी, जोरहाट, चराईदेव, होजई, करीमगंज, शिवसागर, बोंगाईगांव, बारपेटा, धेमाजी, हैलाकांडी, गोलाघाट, दरांग, बिस्वनाथ, कछार, कामरूप (एम), तिनसुकिया, कार्बी आंगलोंग, चिरांग, कार्बी आंगलोंग पश्चिम और माजुली।

गौरतलब है, राज्य भर में 91 राजस्व मंडलों के तीन हजार एक सौ से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और उन्‍नचास हजार हेक्टेयर से अधिक फसल क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने कल (8 जुलाई) दो सौ 18 लोगों को बचाया। ब्रह्मपुत्र, बराक और उनकी सभी सहायक नदियाँ खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं। बता दें, बाढ़ के कारण कल एक सौ 27 सड़कों और दो पुलों के अलावा अन्य बुनियादी ढांचे को भी नुकसान पहुंचा। राज्य सरकार ने दो सौ 45 राहत शिविर और दो सो 98 राहत वितरण केंद्र खोले हैं। 53 हजार से ज्यादा लोग राहत शिविरों में हैं

वहीं दूसरी ओर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं, स्थानीय प्रशासन, भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों की बचाव टीमें राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में बचाव कार्यों में लगी हुई हैं। पिछले एक महीने में असम में आई भीषण बाढ़ की वजह से कई लोगों की जान चली गई, बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा, सड़कें बंद हो गईं, फसलें नष्ट हो गईं और पशुधन की हानि हुई। बाढ़ की वजह से सैकड़ों लोग बेघर और परेशान हो गए हैं।

(Input from ANI, AIR)

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आखरी अपडेट: 17th Nov 2024