केंद्र सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक देश में अब तक 40 करोड़ से अधिक सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग की जा चुकी है। इसी के साथ प्रतिदिन 4 लाख से अधिक सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग की जा रही है। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा 5 नवंबर से शुरू किए गए चौथे चरण में अनिवार्य हॉलमार्किंग के तहत 18 अतिरिक्त जिलों में हॉलमार्किंग केंद्र स्थापित किए गए हैं।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक अनिवार्य हॉलमार्किंग के चौथे चरण में जिलों की कुल संख्या अब 361 हो गई है। अनिवार्य हॉलमार्किंग की शुरुआत के बाद से रजिस्टर्ड आभूषण विक्रेताओं की संख्या 34,647 से बढ़कर 1,94,039 हो गई है, जो पांच गुना से अधिक की शानदार वृद्धि को दर्शाती है। मंत्रालय ने जानकारी दी कि परख और हॉलमार्किंग केंद्रों (एएचसी) की संख्या 945 से बढ़कर 1,622 हो गई है। हॉलमार्किंग एचयूआईडी (हॉलमार्क विशिष्ट पहचान) के साथ की जाती है, जिससे बाजार में उपभोक्ताओं के लिए अधिक विश्वास और पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
बीआईएस ने पहले अनिवार्य हॉलमार्किंग के पहले चरण को लागू किया था, जिसे 23 जून, 2021 को लॉन्च किया गया था। इस चरण में 256 जिले शामिल थे जबकि दूसरा चरण 4 अप्रैल, 2022 से शुरू हुआ, जिसमें 32 जिले और जोड़े गए। इसके बाद तीसरा चरण आया जिसे 6 सितंबर, 2023 से लागू किया गया और इसमें 55 नए जिले शामिल थे। मंत्रालय ने कहा, “यह एक बड़ी उपलब्धि है कि भारत सरकार के सक्रिय उपाय से प्रतिदिन 4 लाख से अधिक सोने की वस्तुओं को एक एचयूआईडी नंबर के साथ हॉलमार्क किया जा रहा है।”
बीआईएस हॉलमार्किंग से मिलती है आभूषणों की प्रमाणिकता सत्यापित किए जाने की सुविधा
बीआईएस के आधिकारिक मोबाइल एप्लिकेशन में एचयूआईडी नंबर युक्त हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों की पहचान की जा सकती है। ऐप में आभूषणों की प्रमाणिकता सत्यापित किए जाने की सुविधा मिलती है। अगर उपभोक्ता के पास सोने की वस्तु का एचयूआईडी है, जिससे वह ऐप पर सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकता है। ऐप पर सोने के आभूषण से जुड़ी जानकारियां जैसे जौहरी का रजिस्ट्रेशन नंबर, एएचसी डिटेल (एएचसी मान्यता संख्या और पता, वस्तु का प्रकार जैसे अंगूठी, हार, सिक्के, आदि), हॉलमार्किंग की तिथि और धातु की शुद्धता (सोना, चांदी, आदि) पाई जा सकती हैं।
मंत्रालय के अनुसार, बीआईएस केयर ऐप उपभोक्ताओं को उत्पाद की गुणवत्ता, बीआईएस गुणवत्ता चिह्नों के दुरुपयोग और भ्रामक विज्ञापनों के बारे में शिकायत दर्ज करने की सुविधा भी देता है।