वैश्विक उथल-पुथल के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को देखते हुए वैश्विक रेटिंग एजेंसियां भी अपनी रेटिंग में लगातार बदलाव कर रही हैं। भारत के औद्योगिक विकास को देखते हुए एक बार फिर जीडीपी की ग्रोथ रेट बढ़ा दी है। वैश्विक रेटिंग एजेंसी मॉर्गन स्टेनली ने औद्योगिक और पूंजीगत व्यय गतिविधि में लगातार वृद्धि के कारण 2025 में भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है।
6.8 प्रतिशत की ग्रोथ की उम्मीद
मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, “हमने औद्योगिक और पूंजीगत व्यय गतिविधि में निरंतर वृद्धि के कारण, वित्त वर्ष 2025 में जीडीपी दर को बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है, जो कि हमारे पहले के 6.5 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है। हम 2024 के लिए सालाना 6.8 प्रतिशत की ग्रोथ की उम्मीद करते हैं, जो पहले 6.4 प्रतिशत थी।” इसके साथ ही उन्होने कहा कि उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही (क्यूई मार्च-24) में विकास दर 7 प्रतिशत के आसपास रहेगी।
मुद्रास्फीति में नरमी का संकेत
कंपनी को खाद्य मुद्रास्फीति जिसकी सीपीआई बास्केट में महत्वपूर्ण भागीदारी है में कमी आई है। ऐसा आपूर्ति-पक्ष के झटकों से राहत मिलने के कारण है। कंपनी को अनुकूल मुद्रास्फीति प्रक्षेपवक्र की भी उम्मीद है, हालिया रुझानों से हेडलाइन मुद्रास्फीति में नरमी का संकेत मिलता है। खाद्य मुद्रास्फीति, जो सीपीआई बास्केट में महत्वपूर्ण भार रखती है, कम हो गई है, जिससे आपूर्ति पक्ष के झटकों से राहत मिली है।
कमोडिटी मूल्य दबाव कम होगा
इसके अलावा, मुख्य मुद्रास्फीति में कमी देखी गई है, जो आपूर्ति श्रृंखलाओं में ढील और कम कीमत के दबाव से प्रेरित है। फर्म को उम्मीद है कि आपूर्ति-श्रृंखला सामान्यीकरण जारी रहने के साथ-साथ कमोडिटी मूल्य दबाव कम होगा, जो अवस्फीति की प्रवृत्ति में योगदान देगा।