भारतीय सेना को 120 स्वदेशी आत्मघाती ड्रोन ‘नागस्त्र’ मिले हैं। नागपुर की कंपनी ने 120 स्वदेशी आत्मघाती ड्रोन ‘नागस्त्र’ का पहला बैच भारतीय सेना को सौंपा है। भारतीय सेना ने आपातकालीन खरीद शक्तियों के तहत 480 लोइटर म्यूनिशन की आपूर्ति के लिए सोलर इंडस्ट्रीज के इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (ईईएल) को ऑर्डर दिया है। प्री-डिलीवरी निरीक्षणों के सफल समापन के बाद ईईएल ने सेना के गोला-बारूद डिपो को 120 लोइटर म्यूनिशन वितरित किए हैं।
घरेलू स्तर पर निर्मित आत्मघाती ड्रोन का पहला बैच
भारतीय सेना को घरेलू स्तर पर निर्मित आत्मघाती ड्रोन का पहला बैच प्राप्त हुआ है, जिसे नागस्त्र-1 के नाम से जाना जाता है। स्वदेशी लोइटरिंग म्यूनिशन को आत्मघाती ड्रोन नागस्त्र-1 के रूप में भी जाना जाता है। इसे नागपुर की कंपनी सोलर इंडस्ट्रीज ने विकसित किया है।
आपातकालीन खरीद शक्तियों के तहत 480 लोइटर म्यूनिशन के दिए गए हैं ऑर्डर
बताना चाहेंगे भारतीय सेना ने आपातकालीन खरीद शक्तियों के तहत 480 लोइटर म्यूनिशन की आपूर्ति के लिए सोलर इंडस्ट्रीज की इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (ईईएल) को ऑर्डर दिया है। इसमें पहले बैच के रूप में 120 लोइटर म्यूनिशन सेना के गोला-बारूद डिपो को सौंप दिए हैं।
आतंकी लॉन्च पैड, घुसपैठियों और दुश्मनों के ट्रेनिंग कैंप पर हो सकेंगे सटीक हमले
यह एक ही आत्मघाती ड्रोन दुश्मन के इलाके में घुसकर तबाही मचा सकता है। जीपीएस से लैस यह ड्रोन दो मीटर की दूरी पर सटीकता के साथ हमला कर सकता है। नौ किलोग्राम वजन वाले मैन-पोर्टेबल फिक्स्ड-विंग इलेक्ट्रिक यूएवी की क्षमता 30 मिनट की है। मैन-इन-लूप रेंज 15 किलोमीटर और ऑटोनॉमस मोड रेंज 30 किलोमीटर है। इसका इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम कम ध्वनिक संकेत प्रदान करता है। इससे 200 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर दुश्मन इसे पहचान नहीं पाता। इसे आसानी के साथ जमीन से लॉन्च किया जा सकता है। यह 1.5 किलोग्राम विस्फोटक वारहेड ले जाने में सक्षम है और 15 किमी. तक निगरानी करके आसानी से लक्ष्य भेद सकता है। इससे आतंकी लॉन्च पैड, घुसपैठियों और दुश्मनों के ट्रेनिंग कैंप पर सटीक हमले किये जा सकेंगे। (इनपुट-हिंदुस्थान समाचार)