प्रतिक्रिया | Monday, April 21, 2025

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यूपी में ‘नारी अदालत’ योजना ने पकड़ी रफ्तार, ग्रामीण महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर

उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। ‘नारी अदालत’ योजना के जरिए अब गांवों की महिलाएं न केवल अपने अधिकारों को समझ रही हैं, बल्कि घरेलू और सामाजिक विवादों का समाधान भी निकाल रही हैं। यह योजना महिलाओं को सरकारी सहायता और न्यायिक जानकारी सीधे उनके गांव में ही उपलब्ध करा रही है, जिससे वे आत्मविश्वास के साथ अपने भविष्य के फैसले खुद ले रही हैं।

यूपी सरकार ने इस योजना की शुरुआत महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से की है। इसके तहत हर गांव में 7 से 11 महिलाओं की एक टीम बनाकर अदालत चलाई जाती है। यह टीम गांव की दूसरी महिलाओं को One Stop Center, 181 महिला हेल्पलाइन, और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं की जानकारी देती है। इससे महिलाएं न केवल जानकारी पाती हैं, बल्कि सरकारी व्यवस्था से सीधे जुड़कर आत्मविश्वास भी महसूस करती हैं। यह योजना फिलहाल 8 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाई जा रही है- बहराइच, बलरामपुर, चंदौली, चित्रकूट, फतेहपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर और सोनभद्र। यहां महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता से जुड़ी समस्याओं का समाधान सरल और समय पर मिल रहा है।

‘नारी अदालत’ केवल जानकारी देने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सामुदायिक न्याय मंच भी है, जहां महिलाएं घरेलू, सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को मिलकर सुलझाती हैं। साथ ही, उन्हें यह भी सिखाया जाता है कि उनके अधिकार क्या हैं और कानून कैसे उनकी रक्षा करता है। यह पहल ग्रामीण महिलाओं के बीच नेतृत्व और एकता की भावना को बढ़ावा देती है। महिलाएं अब खुलकर अपनी बात कह रही हैं और अपने भविष्य के निर्णय खुद लेने लगी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह योजना सामाजिक न्याय और समावेशी शासन का प्रतीक बनती जा रही है।

राज्य सरकार इन 8 जिलों से मिले फीडबैक के आधार पर इसे राज्य के सभी 75 जिलों में लागू करने की योजना बना रही है। यह योजना महज एक सरकारी स्कीम नहीं, बल्कि एक सशक्त और जागरूक समाज की ओर बढ़ता हुआ आंदोलन है, जो सच में ‘सशक्त महिला, सशक्त समाज’ के सपने को साकार कर रहा है।

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आखरी अपडेट: 21st Apr 2025