प्रतिक्रिया | Thursday, May 01, 2025

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भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार बुधवार को नई दिल्ली के डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में ‘रामानुजन: एक महान गणितज्ञ की यात्रा’ नामक एक नई पुस्तक का विमोचन करने जा रहा है। पुस्तक विमोचन के बाद ‘रामानुजन की विरासत’ पर एक पैनल चर्चा होगी।

इसकी जानकारी देते हुए संस्‍कृति मंत्रालय ने बताया, पुस्तक एक सम्मोहक ऐतिहासिक विवरण है, जो भारत के सबसे असाधारण गणितीय प्रतिभाओं में से एक श्रीनिवास रामानुजन के जीवन और योगदान पर प्रकाश डालती है।

यह पुस्तक तमिलनाडु के इरोड में उनकी साधारण शुरुआत से लेकर संख्या सिद्धांत, अनंत श्रृंखला और निरंतर अंशों में उनके अभूतपूर्व कार्य तक रामानुजन की यात्रा का सावधानीपूर्वक दस्तावेजीकरण करती है। यह इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे रामानुजन ने औपचारिक प्रशिक्षण की कमी के बावजूद ऐसे प्रमेय और परिणाम तैयार किए जो दुनिया भर के गणितज्ञों को चकित करते रहते हैं।

यह पुस्तक अपने मूल दस्तावेजों के उपयोग के लिए उल्लेखनीय है, जो पाठकों को रामानुजन के जीवन की एक प्रामाणिक झलक प्रदान करती है। इनमें रामानुजन और जी.एच. हार्डी जैसी प्रमुख हस्तियों के बीच किए गए पत्राचार शामिल हैं, जिन्होंने रामानुजन के काम को वैश्विक मंच पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

वहीं, हार्डी ने जे.ई. लिटिलवुड जैसे अन्य गुरुओं और राम चंद्र राव जैसे भारतीय समर्थकों के साथ मिलकर रामानुजन की अद्वितीय प्रतिभा को पहचाना और उन्हें मान्यता दिलाने में सहायता प्रदान की। किताब में रामानुजन के व्यक्तिगत संघर्षों और विजयों पर भी प्रकाश डाला गया है, जिसमें उनकी पत्नी जानकी और उनके माता-पिता के समर्थन पर बल दिया गया है, जो उनकी यात्रा के दौरान उनके साथ खड़े रहे।

दरअसल, रामानुजन की कहानी केवल गणितीय प्रतिभा के बारे में नहीं है, बल्कि दृढ़ता, जुनून और मार्गदर्शन की शक्ति के बारे में भी है। यह पुस्तक उनकी विरासत को श्रद्धांजलि के रूप में है, जो आने वाली पीढ़ियों को गणित की सुंदरता और इसके पीछे की मानवीय भावना का पता लगाने के लिए प्रेरित करती है।

 

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आखरी अपडेट: 1st May 2025