केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लैंगिक हिंसा के खिलाफ राष्ट्रीय अभियान “नई चेतना – पहल बदलाव की” के तीसरे संस्करण का शुभारंभ किया है। उन्होंने सोमवार को 13 राज्यों में 227 नए लैंगिक संसाधन केंद्र (जीआरसी) का भी उद्घाटन किया। ये केंद्र लैंगिक हिंसा के पीड़ितों को सूचना प्राप्त करने, घटनाओं की रिपोर्ट करने और कानूनी सहायता प्राप्त करने के लिए सुरक्षित स्थान प्रदान करते हैं। नई चेतना 3.0 के उद्देश्यों में लैंगिक सम्बंधी हिंसा के सभी रूपों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, समुदायों को आवाज उठाने और कार्रवाई की मांग करने के लिए प्रोत्साहित करना, समय पर सहायता के लिए समर्थन प्रणालियों तक पहुंच प्रदान करना और हिंसा के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए स्थानीय संस्थाओं को सशक्त बनाना शामिल है।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री चौहान ने बताया कि सरकार ने महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए कई पहल की हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि लैंगिक हिंसा केवल ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी एक मुद्दा है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी की मौजूदगी में हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे समन्वित प्रयासों से प्रत्येक महिला गरिमा, सम्मान और आत्म-विश्वास के साथ जीवन जिए।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने भी नई चेतना 3.0 के शुभारंभ पर #अबकोईबहनानाही अभियान की शुरुआत की और लैंगिक सम्बंधी हिंसा (जी.बी.वी.) के खिलाफ सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने भारत सरकार द्वारा 10 करोड़ एसएचजी महिलाओं और 49 महिला-केंद्रित योजनाओं के बारे में जानकारी दी जो लैंगिक समानता को बढ़ावा देती हैं और 24×7 राष्ट्रीय हेल्पलाइन, वन-स्टॉप सेंटर और फास्ट-ट्रैक न्याय पहल के माध्यम से पीड़ितों को सहायता प्रदान करती हैं। अन्नपूर्णा देवी ने जोर देकर कहा कि जी.बी.वी. को समाप्त किया जाना चाहिए, और सभी महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक समावेश के लिए समान अवसर मिलने चाहिए।
वहीं, ग्रामीण विकास और संचार राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने भी लैंगिक सम्बंधी हिंसा को समाप्त करने के लिए समाज के समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया। इस मौके पर ग्रामीण विकास सचिव शैलेश कुमार सिंह ने नई चेतना 2.0 अभियान की जानकारी साझा करते हुए कहा कि छह करोड़ से अधिक व्यक्ति इससे जुड़े है, नौ लाख से अधिक सामुदायिक गतिविधियों के माध्यम से लैंकि सम्बंधी हिंसा के खिलाफ संवाद और कार्रवाई को बढ़ावा दिया।
नई चेतना 3.0 ‘एक साथ एक आवाज़ – हिंसा के खिलाफ़’ संदेश के साथ सामूहिक कार्रवाई का आह्वान करती है, जिसका उद्देश्य सुरक्षित, समावेशी स्थान बनाना और असमानता की बाधाओं को दूर करना है, जिसमें सम्मिलित प्रयासों के माध्यम से समाज और सरकार के दृष्टिकोण को अपनाया जाता है।
गौरतलब हो, यह अभियान 23 दिसंबर 2024 तक सभी भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चलाया जाएगा।