राष्ट्रीय महिला आयोग ने वक्फ कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर संज्ञान लिया है। 18 अप्रैल को आयोग की एक टीम मालदा पहुंच रही है। गुरुवार को इस बारे में आयोग की सदस्य डॉ. अर्चना मजूमदार ने ये जानकारी दी । उन्होंने कहा कि आयोग की एक टीम मालदा और मुर्शिदाबाद का दौरा करेगी। हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की जाएगी। लोगों से बातचीत के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसे केंद्र सरकार को सौंपा जाएगा।
हिंसा के दौरान मुर्शिदाबाद और मालदा में महिलाओं पर अत्याचार, उत्पीड़न के मामले भी सामने आए हैं
हमारी कोशिश रहेगी कि पीड़ितों को दोबारा से मुख्यधारा में लाया जाए। उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद की घटना पर देश भर की नजर बनी हुई है। हिंसा के दौरान मुर्शिदाबाद और मालदा में महिलाओं पर अत्याचार, उत्पीड़न के मामले भी सामने आए हैं। आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर के साथ हमारी एक टीम मुर्शिदाबाद और मालदा का दौरा करने जा रही है।
एसपी, डीएम के साथ बैठक कर पूरी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजेंगे
उन्होंने आगे बताया कि 18 अप्रैल को दोपहर 2.30 बजे हम मालदा पहुंच जाएंगे। पीड़ितों को जहां रखा गया है, उनसे मिलेंगे। आयोग की कोशिश रहेगी कि उन्हें मुख्यधारा में दोबारा कैसे लाया जाए। इसके अलावा एसपी, डीएम के साथ बैठक करेंगे और पूरी रिपोर्ट केंद्र सरकार तक भेजेंगे। यह रिपोर्ट राज्य सरकार को भी भेजी जाएगी।
बीते 10 साल में पश्चिम बंगाल में हिंसा की घटनाएं कुछ ज्यादा ही हुई हैं
पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा पर डॉ. अर्चना मजूमदार ने आगे कहा कि बंगाल को मैंने बहुत करीब से देखा है। बचपन में कभी दंगे होते नहीं देखे। लेकिन, बीते 10 साल में पश्चिम बंगाल में हिंसा की घटनाएं कुछ ज्यादा ही हुई हैं। जब से आयोग में मैंने जिम्मेदारी संभाली है, तब से यहां पर अब तक पांच घटनाएं देख चुकी हूं। उन्होंने कहा कि जिस तरह की घटना अभी हुई है वह पुलिस की विफलता को दर्शाता है। उन्होंने पीड़ितों को भरोसा दिलाया है कि दंगाइयों को छोड़ा नहीं जाएगा। महिलाओं को हम भरोसा दिलाएंगे कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता आयोग उनके साथ है। (इनपुट-आईएएनएस)