जनजातीय कार्य मंत्रालय के अन्तर्गत एक स्वायत्त संगठन- राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति (नेस्टस) 1 अप्रैल, 2025 को नई दिल्ली में अपना 7वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। इसमें आदिवासी शिक्षा में परिवर्तनकारी प्रभाव प्रदर्शित किया जाएगा।
नेस्टस एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) की स्थापना और प्रबंधन करता है। ये विद्यालय आदिवासी छात्रों को कक्षा 6 से 12वीं तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं।
जनजातीय कार्य मंत्रालय के मुताबिक, इस कार्यक्रम में उत्कृष्ट ईएमआरएस छात्रों को भी सम्मानित किया जाएगा जिसमें सुबह के सत्र में बारह छात्रों को सम्मानित किया जाएगा जबकि खेल प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को शाम के कार्यक्रम में पुरस्कृत किया जाएगा। एक विशेष स्क्रीनिंग में पिछले वर्ष में ईएमआरएस की उल्लेखनीय उपलब्धियों को दर्शाया किया जाएगा। इसमें शिक्षा, कौशल विकास और समग्र विकास पर इसके प्रभाव के बारे में बताया जाएगा।
अपनी स्थापना के बाद से नेस्टस आदिवासी शिक्षा में एक परिवर्तनकारी शक्ति रही है, जिसने देश भर में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) के विस्तार का नेतृत्व किया है। ये विद्यालय आदिवासी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, आधुनिक कौशल विकास और उनकी सांस्कृतिक विरासत से एक मजबूत संबंध प्रदान करके सशक्तिकरण के केंद्र के रूप में कार्य कर रहे हैं।
आपको बता दें, जनजातीय कार्य मंत्रालय के मार्गदर्शन में नेस्टस के आयुक्त अजीत कुमार श्रीवास्तव और उनकी टीम के निरंतर प्रयासों से नेस्टस ने बुनियादी ढांचे को बढ़ाने, शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती और आदिवासी छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच में उल्लेखनीय प्रगति की है।
मंत्रालय नेस्टस के माध्यम से आदिवासी समुदायों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ सशक्त बनाने, उन्हें अपनी समृद्ध विरासत को संरक्षित करने, अपनी मातृभूमि में उन्नति करने तथा आधुनिक विश्व में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।