भारतीय नौसेना ने असम के दीमा हसाओ जिले के एक दूरदराज के औद्योगिक शहर उमरंगसो में फंसे खनिकों को बचाने में सहायता के लिए एक विशेष टीम को तैनात किया है। इस टीम में एक अधिकारी और 11 नाविक हैं, जिसमें अत्यधिक प्रशिक्षित क्लीयरेंस डाइवर्स शामिल हैं। यह टीम गहरे पानी में गोता लगाने और बचाव कार्यों में कुशल है।
नौसेना की टीम पूरी तरह से उपकरणों के साथ लैस
नागरिक प्रशासन के अनुरोध पर तैनात की गई नौसेना की टीम इस महत्वपूर्ण और संवेदनशील मिशन के लिए पूरी तरह से उपकरणों के साथ लैस है। टीम के पास खोज और बचाव के लिए गहरे पानी में गोता लगाने के उपकरण और पानी के नीचे रिमोट से संचालित वाहन (आरओवी) जैसे विशेष उपकरण हैं। यह प्रयास भारतीय सेना, एनडीआरएफ और स्थानीय नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर किया जा रहा है, ताकि तत्काल और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।
त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध नौसेना
भारतीय नौसेना की टीम को विशाखापट्टनम से 07 जनवरी को वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर से घटनास्थल पर पहुंचाया गया है। गहन खोज और बचाव अभियान के साथ समय पर बचाव अभियान को सुविधाजनक बनाने के लिए सभी संबंधित एजेंसियों के साथ नियमित रूप से सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा रहा है। भारतीय नौसेना संकट के समय में त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो जीवन की रक्षा करने और आपात स्थितियों में राष्ट्र का समर्थन करने के अपने संकल्प को प्रदर्शित करता है।
10 मजदूर बाहर, 12 मजदूर के अभी फंसे होने की सूचना
बता दें कि असम के उमरंगसो क्षेत्र की कोयला खदान में 6 जनवरी को पानी भरने के कारण अनेक मजदूर फंस गए। प्रशासन ने घटना के तुरंत बाद राहत कार्य तेज कर दिए। खदान से 10 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन कम से कम 12 मजदूर के अभी तक फंसे होने की सूचना है।
गोताखोरों ने एक शव को बरामद किया
कोयला खदान से सेना की 21 पैरा टीम के गोताखोरों ने एक शव को बरामद किया है। बचाव कार्य के पहले दिन मंगलवार शाम को खराब मौसम और जलस्तर में वृद्धि के कारण अभियान को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा था। यह अभियान बुधवार सुबह नए सिरे से शुरू किया गया।