प्रतिक्रिया | Monday, January 06, 2025

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भारत के विमानन क्षेत्र को आधुनिक बनाएगा भारतीय वायुयान अधिनियम 2024, स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा

भारत सरकार द्वारा विमान निर्माण और डिजाइन को प्रोत्साहन देने और विमानन क्षेत्र में कारोबार को आसान बनाने के लिए बनाए गए ‘भारतीय वायुयान अधिनियम, 2024’ एक जनवरी से लागू हो गया है। यह अधिनियम 90 वर्ष पुराने ‘विमान अधिनियम, 1934’ का स्थान लेगा। सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर 1 जनवरी, 2025 से इस अधिनियम को प्रभावी करने की घोषणा की। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने 9 अगस्त 2024 को लोकसभा में ‘भारतीय वायुयान अधिनियम 2024’ की घोषणा की थी और राज्यसभा द्वारा 5 दिसंबर 2024 को पारित किया गया था।

भारतीय वायुयान अधिनियम, 2024 एक विधायी सुधार है, जिसका उद्देश्य विमान अधिनियम, 1934 को समकालीन आवश्यकताओं और वैश्विक मानकों के अनुरूप पुनः लागू करके भारत के विमानन क्षेत्र का आधुनिकीकरण करना है। औपनिवेशिक युग के प्रभावों को हटाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के अनुरूप, यह अधिनियम विमानन उद्योग में स्पष्टता, दक्षता और व्यापार करने में आसानी की आवश्यकता को पूरा करता है।

नया कानून मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देगा, अधिनियम में विमानों के डिजाइन, निर्माण, रखरखाव, कब्जे, उपयोग, संचालन, बिक्री, निर्यात तथा आयात और संबंधित मामलों के विनियमन और नियंत्रण का प्रावधान है। यह शिकागो कन्वेंशन और आईसीएओ जैसे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों के साथ संरेखित करेगा और लाइसेंस जारी करने को सरल बनाने जैसी नियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करेगा।

आइये नागरिक उड्डयन मंत्रालय की साल 2024 की कुछ प्रमुख उपलब्धियों के बारे में जानते है।

नागरिक विमानन पर दूसरा एशिया-प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन

आपको बता दें केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू की अध्यक्षता में मंत्रालय ने 11 और 12 सितंबर, 2024 को नई दिल्ली में द्वितीय एपीएसी-एमसी का सफलतापूर्वक आयोजन किया। एक प्रमुख उपलब्धि के रूप में, सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘दिल्ली घोषणा’ की घोषणा की थी।इस सम्मेलन में एशिया प्रशांत क्षेत्र के 29 देशों के मंत्रियों और उच्चस्तरीय गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। इसके अलावा, इस सम्मेलन में आईएटीए, एसीआई आदि जैसे अन्य विमानन संबंधी अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और आईसीएओ के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।

हवाई अड्डों और टर्मिनलों का विस्तार

गौरतलब हो महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास में वाराणसी, आगरा, दरभंगा और बागडोगरा में नए टर्मिनलों की नींव रखना शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरसावा, रीवा और अंबिकापुर में हवाई अड्डों का उद्घाटन किया, जिससे क्षेत्रीय संपर्क मजबूत हुआ।

उत्तर प्रदेश में हवाई अड्डों का उद्घाटन

पीएम मोदी ने राज्य भर में हवाई कनेक्टिविटी का विस्तार करते हुए, अलीगढ़, आज़मगढ़, चित्रकूट, मोरादाबाद और श्रावस्ती में नए हवाई अड्डों का उद्घाटन किया।

रिकॉर्ड यात्री यातायात

देश में घरेलू भारतीय वाहकों द्वारा ले जाए जाने वाले घरेलू यात्रियों की संख्या में वर्ष 2024 में पिछले वर्ष 2023 की इसी अवधि (जनवरी से नवंबर) की तुलना में 5.9% की वृद्धि देखी गई है। एक नया रिकॉर्ड बनाते हुए, 17 नवंबर, 2024 को पहली बार एक दिन में घरेलू हवाई यात्री यातायात 5 लाख को पार कर गया।

वहीं, जनवरी से नवंबर 2024 की अवधि के दौरान अनुसूचित भारतीय और विदेशी ऑपरेटरों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मार्गों पर कुल 64.5 मिलियन यात्रियों को ले जाया गया, जबकि 2023 में इसी अवधि में 58.0 मिलियन यात्रियों को ले जाया गया, जिससे 11.4% की वृद्धि देखी गई। जनवरी से नवंबर 2024 की अवधि के दौरान 64.5 मिलियन यात्रियों में से 29.8 मिलियन यात्रियों को अनुसूचित भारतीय वाहकों द्वारा ले जाया गया, जबकि 34.7 मिलियन यात्रियों को अनुसूचित विदेशी वाहकों द्वारा ले जाया गया।

देश भर में 21 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की स्थापना को मंजूरी

केंद्र सरकार ने अब तक देश भर में 21 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की स्थापना के लिए ‘सैद्धांतिक’ मंजूरी दे दी है, जिनमें गोवा में मोपा, महाराष्ट्र में नवी मुंबई, शिरडी और सिंधुदुर्ग, कर्नाटक में कालाबुरागी, विजयपुरा, हसन और शिवमोग्गा, डबरा शामिल हैं। मध्य प्रदेश में ग्वालियर, उत्तर प्रदेश में कुशीनगर और नोएडा (जेवर), गुजरात में धोलेरा और राजकोट, पुडुचेरी में कराईकल, दगदरथी, भोगापुरम और ओरावकल (कुरनूल) आंध्र प्रदेश में, दुर्गापुर पश्चिम बंगाल में, पाक्योंग सिक्किम में, कन्नूर केरल में और अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में ।

इनमें से 12 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे, अर्थात् दुर्गापुर, शिरडी, सिंधुदुर्ग, पाक्योंग, कन्नूर, कलबुर्गी, ओरवाकल (कुर्नूल), कुशीनगर, ईटानगर, मोपा, शिवमोग्गा और राजकोट चालू हो चुके हैं।

इसके अलावा, दो प्रमुख हवाई अड्डा परियोजनाओं यानी नोएडा (जेवर) और नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर विकास कार्य पूरा होने के अग्रिम चरण में हैं और इन हवाई अड्डों को वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही तक चालू करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, भारत सरकार ने 9 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के निर्माण के लिए ‘साइट क्लीयरेंस’ भी प्रदान की है।

अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यात्रियों को किफायती और गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने की पहलउड़ान यात्री कैफे

हवाई यात्रा को लोकतांत्रिक बनाने के पीएम मोदी के विजन के अनुरूप, नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने हाल ही में कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ान यात्री कैफे का उद्घाटन किया। इस पहल का उद्देश्य यात्रियों को किफायती और गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराना है, ताकि हवाई अड्डे के भोजनालयों में उच्च कीमतों पर चिंता दूर की जा सके।

कैफ़े में कई तरह के किफायती आइटम उपलब्ध हैं, जिनमें ₹10 की कीमत वाली चाय और ₹20 के समोसे शामिल हैं, जिससे यात्रियों को उचित मूल्य पर जलपान उपलब्ध हो सके। उद्घाटन कोलकाता हवाई अड्डे के शताब्दी समारोह के साथ हुआ, जो इसकी स्थापना के 100 साल पूरे होने का प्रतीक है।

डिजी यात्रा की शुरुआत

राम मोहन नायडू ने वर्ष 2024 में 9 और हवाई अड्डों पर डिजी यात्रा की शुरुआत की। इसने सहज, संपर्क रहित यात्रा के साथ यात्रियों के अनुभव को बदल दिया है। डिजी यात्रा अब 24 हवाई अड्डों पर चालू है, जिनमें दिल्ली, बैंगलोर, वाराणसी, पुणे, कोलकाता, विजयवाड़ा, हैदराबाद, मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, गुवाहाटी, लखनऊ, कोचीन, चेन्नई, बागडोगरा, भुवनेश्वर, कोयंबटूर, डाबोलिम, इंदौर, MoPA गोवा, पटना, रायपुर, रांची और विशाखापत्तनम शामिल हैं।

इसके लॉन्च के बाद से, 80 लाख से ज्यादा उपयोगकर्ताओं ने ऐप डाउनलोड किया है और डिजी यात्रा सुविधा के साथ 4 करोड़ से अधिक यात्राएं पूरी की गई हैं।डिजी यात्रा ऐप एंड्रॉइड के साथ-साथ iOS प्लेटफ़ॉर्म पर भी उपलब्ध है। सभी हवाई अड्डों को चरणबद्ध तरीके से डिजी यात्रा के साथ कवर किया जाएगा।

भारत में सीप्लेन संचालन के लिए दिशा-निर्देश जारी

नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने पिछले वर्ष भारत में सीप्लेन संचालन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए। देश भर में 50 से अधिक वॉटर बॉडीज से सीप्लेन परिचालन के लिए बोलियां आमंत्रित करने के लिए उड़ान राउंड 5.5 शुरू किया गया है। यही नहीं, विमानन क्षेत्र में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए, उद्योग के हितधारकों के लिए “नागरिक विमानन क्षेत्र में लैंगिक समानता” पर एक सलाह जारी की गई है, ताकि भारत के विमानन उद्योग में 2025 तक विभिन्न पदों पर महिलाओं की संख्या 25% तक बढ़ाई जा सके।

हवाई अड्डों पर ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों को अपनाने पर जोर

नागरिक उड्डयन मंत्रालय का हवाई अड्डों पर ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों को अपनाने पर जोर हैं, जिससे परिचालन के कार्बन फुटप्रिंट में कमी आए। गौरतलब हो, 80 हवाई अड्डों ने 100 प्रतिशत हरित ऊर्जा उपयोग को अपना लिया है।

नया कानून भारत को विमानन उद्योग में आत्मनिर्भर बनाएगा

अब जब भारतीय वायुयान अधिनियम, 2024 कानून लागू हो चुका है तो बता दें नया कानून केवल भारत को विमानन उद्योग में आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भी एक मजबूत स्थिति प्रदान करेगा। ‘भारतीय वायुवान अधिनियम, 2024’ का लागू होना भारतीय विमानन क्षेत्र में सुधार और इनोवेशन का संकेत है। इससे देश में न केवल विमान निर्माण और डिजाइन के क्षेत्र में नए अवसर पैदा होंगे, बल्कि रोजगार और तकनीकी उन्नति के लिए भी नए द्वार खुलेंगे।

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आखरी अपडेट: 6th Jan 2025