प्रतिक्रिया | Wednesday, October 15, 2025

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देश के लिए एक ग्लोबल सेमीकंडक्टर हब बनने की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहला भारत निर्मित प्रोसेसर और चार स्वीकृत परियोजनाओं के टेस्ट चिप्स पेश किए। इसरो की सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला (एससीएल) द्वारा ‘विक्रम’ नामक पहला पूर्णतः स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर विकसित किया गया है।

इसे स्पेस लॉन्च व्हीकल्स की कठोर पर्यावरणीय परिस्थितियों का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो आयातित चिप्स पर निर्भरता कम करने के भारत के प्रयासों में एक मील का पत्थर है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “पहले ‘मेड इन इंडिया’ चिप्स। यह किसी भी देश के लिए गर्व का क्षण है। आज भारत ने यह उपलब्धि हासिल कर ली है।” उन्होंने आगे कहा कि यह महत्वपूर्ण उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच, दृढ़ इच्छाशक्ति और निर्णायक कार्रवाई से संभव हुई है।

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने ‘सेमीकॉन इंडिया 2025’ कार्यक्रम में भारत के सेमीकंडक्टर इंफ्रास्ट्रक्चर की तीव्र प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “कुछ साल पहले ही, हम अपने प्रधानमंत्री के दूरदर्शी दृष्टिकोण से प्रेरित होकर एक नई शुरुआत करने के लिए पहली बार मिले थे, हमने भारत सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत की थी। 3.5 वर्ष की छोटी सी अवधि में, दुनिया भारत की ओर विश्वास से देख रही है।”

अश्विनी वैष्णव ने उपस्थित लोगों को बताया, “वर्तमान में पांच सेमीकंडक्टर इकाइयों का निर्माण तेजी से चल रहा है। हमने अभी-अभी प्रधानमंत्री मोदी को पहली ‘मेड-इन-इंडिया’ चिप भेंट की है।” सेमिकॉन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा ने गति पकड़ी है।

सरकार पहले ही हाई-वॉल्यूम फैब्रिकेशन यूनिट्स (फैब्स), 3डी हेटेरोजेनस पैकेजिंग, कंपाउंड सेमीकंडक्टर और आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्टिंग (ओएसएटी) जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में 10 परियोजनाओं को मंजूरी दे चुकी है। इसके अलावा, डिजाइन-केंद्रित पहलों ने 280 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों और 72 स्टार्ट-अप्स को एडवांस्ड टूल्स से सहायता प्रदान की है, जबकि डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (डीएलआई) योजना के तहत 23 स्टार्ट-अप्स को मंजूरी दी गई है।

तीन दिनों तक चलने वाले इस प्रमुख कार्यक्रम में मुख्य भाषण, पैनल चर्चाएं, फायरसाइड चैट, शोध-पत्र प्रस्तुतियां और छह अंतरराष्ट्रीय गोलमेज सम्मेलन होंगे।

एक समर्पित ‘कार्यबल विकास मंडप’ भी नई प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स में करियर के अवसरों पर प्रकाश डालेगा। एप्लाइड मैटेरियल्स, एएसएमएल, आईबीएम, इनफिनियॉन, लैम रिसर्च, माइक्रोन, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, एसके हाइनिक्स और टोक्यो इलेक्ट्रॉन जैसी शीर्ष कंपनियों की भागीदारी के साथ, सेमीकॉन इंडिया 2025 से भारत में सेमीकंडक्टर इनोवेशन की अगली लहर को गति मिलने और ग्लोबल वैल्यू चेन में अपनी स्थिति मजबूत होने की उम्मीद है। (इनपुट-आईएएनएस)

 

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आखरी अपडेट: 15th Oct 2025