प्रतिक्रिया | Sunday, December 29, 2024

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24/12/24 | 6:14 pm

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हाईवे पर आवारा पशुओं की चुनौती से निपटने के लिए NHAI की बड़ी पहल, पशु-आश्रय स्थलों का होगा निर्माण 

राष्ट्रीय राजमार्गों पर पशुओं से हाेने वाली दुर्घटनाओं से बचाव और आवारा पशुओं की चुनौती से बचने के लिए एनएचएआई ने एक पायलट परियोजना शुरू की है। इसके तहत एनएचएआई ने मवेशी आश्रयों के निर्माण और रखरखाव के लिए मेसर्स गवर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।

हाईवे किनारे पशु-आश्रय स्थलों का होगा निर्माण 

यलट परियोजना के तहत 0.21 से 2.29 हेक्टेयर तक के आश्रय क्षेत्रों को आवारा पशुओं के लिए सुरक्षित स्थान के रूप में कार्य करने के लिए रणनीतिक रूप से विकसित किया जाएगा। इससे राष्ट्रीय राजमार्गों पर आवारा पशुओं की संख्या घटेगी।इस पहल के तहत ए≡चएआई की प्रदान की गई भूमि पर पशु-आश्रय स्थलों का निर्माण करेगा। वह पशुओं का कल्याण सुनिश्चित करते हुए रियायत अवधि के दौरान प्राथमिक चिकित्सा, पर्याप्त चारा, पानी और देखभाल करने वाले उपलब्ध कराकर इन आश्रय स्थलों का रखरखाव भी करेगा।


इन राष्ट्रीय राजमार्ग खंडों पर किया जाएगा लागू 

इस याेजना को विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग खंडों पर लागू किया जाएगा, जिसमें एनएच-334बी के उप्र-हरियाणा सीमा से रोहना खंड शामिल है, जहां खरखौदा बाईपास के साथ आश्रय स्थल स्थापित किए जाएंगे। इसी तरह, एनएच-148बी के भिवानी-हांसी सेक्शन पर हांसी बाईपास, एनएच-21 के कीरतपुर-नेरचौक सेक्शन और एनएच-112 पर जोधपुर रिंग रोड के डांगियावास से जाजीवाल सेक्शन पर आश्रय स्थलों का निर्माण किया जाएगा।

पशुओं से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने वाली अनूठी पहल

इस संबंध में एनएचएआई के अध्यक्ष संतोष कुमार यादव ने कहा, “राष्ट्रीय राजमार्गों पर आवारा पशुओं से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने वाली यह अनूठी पहल है। यह न केवल सड़क सुरक्षा को बढ़ाकर यात्रियों के लिए सुरक्षित राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने की एनएचएआई की प्रतिबद्धता दर्शाती है। इसके साथ ही यह आवारा पशुओं की देखभाल की मानवीय आवश्यकता को भी पूरा करती है। उन्हाेंने कहा कि मुझे यकीन है कि यह पहल देश में समग्र राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास के लिए एक नया मानदंड स्थापित करेगी।”

एनएचएआई के इस कदम का स्वागत 

इस पहल पर राष्ट्रीय राजमार्ग बिल्डर्स फेडरेशन के अध्यक्ष दिनेश चंद्र अग्रवाल ने कहा कि हम राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे आवारा पशुओं के लिए आश्रय स्थल विकसित करने के लिए एनएचएआई के इस कदम का स्वागत करते हैं और इस पहल के लिए अपना समर्थन देते हैं। मैं अपने सदस्यों से आग्रह करता हूं कि वे आगे आएं और इस पथ-प्रदर्शक पहल में भागीदार बनें, जो आवारा पशुओं के पुनर्वास और सड़क सुरक्षा को बढ़ाने के इस नेक काम को आगे बढ़ाने में मदद करेगी।

एनएचएआई के साथ भागीदारी करके खुशी

इस मौके पर गवर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के निदेशक रविंदर गवर ने कहा कि हमें राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे आवारा पशुओं के लिए आश्रय स्थल स्थापित करने के इस अनूठे अवसर के लिए एनएचएआई के साथ भागीदारी करके खुशी हो रही है। हम इस पहल को अपनी सभी एनएच परियोजनाओं और यहां तक कि अन्य रियायतकर्ताओं को दी गई परियोजनाओं पर भी लागू करने के लिए तैयार हैं, ताकि देशभर के विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे और अधिक आश्रय स्थल स्थापित किए जा सकें।

इसके तहत मेसर्स गवर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड अपनी सीएसआर फंड से घायल आवारा पशुओं के परिवहन और उपचार के लिए मवेशी एम्बुलेंस तैनात करेगा। इन पशुओं की समय पर चिकित्सा देखभाल के लिए प्रत्येक तरफ 50 किलोमीटर की दूरी पर प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और अस्पताल स्थापित करेगा। आश्रयों के निर्माण और रखरखाव से परे मेसर्स गवर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड आवारा पशुओं को इन सुविधाओं तक सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करेगा, चारा उपलब्ध कराएगा और मवेशी अतिचार अधिनियम, 1871 के प्रावधानों को लागू करेगा। समझौता ज्ञापन मेसर्स गवर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड की शेष अवधि के लिए प्रभावी रहेगा।

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आखरी अपडेट: 29th Dec 2024