पीएम मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के बीच सोमवार को व्यक्तिगत एवं प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। इस दौरान दोनों देशों के बीच करेंसी स्वैप, कानून प्रवर्तन, भ्रष्टाचार निरोधी, न्यायिक अधिकारियों के प्रशिक्षण और खेल क्षेत्र में सहयोग से जुड़े पांच करार हुए। दोनों नेता मालदीव में रुपे कार्ड से भुगतान की व्यवस्था के लांच के साक्षी बने। बता दें कि कुछ दिन पहले मालदीव में RuPay कार्ड लॉन्च किया गया।साथ ही मालदीव के हनीमाधू अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के न्यू रनवे का उद्घाटन किया गया और एक्सिम बैंक बायर्स क्रेडिट फैसिलिटी के माध्यम से तैयार किए गए 700 विशेष घरों को हस्तांतरित किया गया।
आने वाले समय में यूपीआई के जरिए जुड़ेंगे
रुपे कार्ड की लॉन्चिंग के अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि मालदीव में रुपे कार्ड लॉन्च किया गया। आने वाले समय में भारत और मालदीव यूपीआई के जरिए जुड़ जाएंगे। रुपे कार्ड पेमेंट्स की पहली लेन-देन के गवाह भारतीय पीएम मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू भी बने। दोनों ने भारत से ही इस नज़ारे को लाइव देखा और ताली बजाई। ऐसे में आइए जानते हैं क्या है रुपे कार्ड और कैसे यह करता है काम।
क्या होता है रुपे कार्ड
रुपे कार्ड भारत का स्वदेशी पेमेंट नेटवर्क है। इसका इस्तेमाल क्रेडिट, डेबिट और प्रीपेड कार्ड के जरिए ऑफलाइन और ऑनलाइन लेन-देन के लिए किया जाता है। यह एक अत्यधिक सुरक्षित नेटवर्क है, जो एंटी-फिशिंग से बचाता है। रुपे कार्ड नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने जारी किया है। इस कार्ड को दुनियाभर के 200 से अधिक देशों और 42.4 मिलियन से जयादा POS स्थानों और 1.90 मिलियन से अधिक एटीएम पर स्वीकार किया जाता है।
ये कार्ड भारत के अलावा कई और देशों में भी उपलब्ध है। रुपे कार्ड के जरिए एटीएम से पैसे निकाले जा सकते हैं, पीओएस पर खरीदारी की जा सकती है। इस कार्ड के क्लासिक, प्लैटिनम और सेलेक्ट तीन प्रकार हैं। रुपे कार्ड के जरिए रेलवे टिकट बुक करने पर कैशबैक भी मिलता है। रुपे कार्ड के जरिए कम-मूल्य वाले लेन-देन के लिए संपर्क रहित कार्ड भी उपलब्ध हैं।
मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा
पीएम ने अपने वक्तव्य में बताया कि दोनों देशों ने मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा करने का निर्णय लिया है। हम स्थानीय मुद्रा में व्यापार करने पर भी काम करेंगे। इसके अतिरिक्त डिजिटल कनेक्टिविटी पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। दोनों देश मिलकर एक उज्जवल भविष्य के निर्माण के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत अड्डू में और मालदीव बेंगलुरु में वाणिज्य दूतावास खोलने को लेकर इच्छुक है।
‘पड़ोसी प्रथम’ नीति और ‘सागर’ विजन में भी मालदीव का महत्वपूर्ण स्थान
उन्होंने कहा कि भारत और मालदीव के संबंध सदियों पुराने हैं। भारत, मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी और घनिष्ठ मित्र देश है। हमारी “पड़ोसी प्रथम” की नीति और “सागर” विजन में भी मालदीव का महत्वपूर्ण स्थान है। आज हमने अपने आपसी सहयोग को रणनीतिक दिशा देने के लिए एक व्यापक, आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी दृष्टिकोण अपनाया है।
भारत ने हमेशा अपने पड़ोसी होने के दायित्व को निभाया
पड़ोसी प्रथम की भारत सरकार की नीति का उल्लेख करते हुए पीएम ने कहा कि भारत ने सदैव मालदीव के लिए पहले मददगार की भूमिका निभाई है। मालदीव के लोगों के लिए आवश्यक सामग्री की जरूरत पूरा करना हो, प्राकृतिक आपदा के समय पीने का पानी उपलब्ध कराना हो, कोविड के समय वैक्सीन देने की बात हो, भारत ने हमेशा अपने पड़ोसी होने के दायित्व को निभाया है।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन दोनों देशों के लिए बड़ी चुनौती है। इस संबंध में, भारत मालदीव के साथ सौर और ऊर्जा दक्षता के संबंध में अपने अनुभव साझा करने के लिए तैयार है। आने वाले समय में भारत और मालदीव यूपीआई के जरिए जुड़ेंगे। एकथा हार्बर प्रोजेक्ट में तेजी से काम किया जा रहा है। हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि के लिए हम मालदीव के राष्ट्रीय रक्षा बलों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण की दिशा में अपना सहयोग जारी रखेंगे।
मालदीव के राष्ट्रपति ने कठिन समय में मदद के लिए जताया आभार
मालदीव के राष्ट्रपति ने उनके देश की कठिन समय में सहायता और बजटीय मदद के लिए धन्यवाद दिया। राष्ट्रपति मोइज्जू ने कहा कि भारत ढांचागत सुविधाओं के विकास में मालदीव का प्रमुख सहयोगी है। समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में भारत एक महत्वपूर्ण भागीदार है। राष्ट्रपति ने कहा कि उनके नेतृत्व में मालदीव भारत के साथ रिश्ते अधिक मजबूत करने को उत्सुक है। उन्हें आशा है कि दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा जल्द पूरी होगी। साथ ही मालदीव में भारत से और अधिक पर्यटकों का आगमन होगा।